मुजफ्फरनगर में स्कूली बच्चे की पिटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल, UP सरकार पर उठाए बड़े सवाल

मुजफ्फरनगर में स्कूल में बच्चे को पीटने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी बच्चे को उसके धर्म के कारण पीटने का आदेश दिया गया? कैसी शिक्षा दी जा रही है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा जिस तरह से यह हुआ है, उससे राज्य की अंतरात्मा को झकझोर देना चाहिए

News jungal desk : यूपी के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में स्कूल में बच्चे को पीटने के मामले (Child Slapping Case) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि किसी बच्चे को उसके धर्म के कारण पीटने का आदेश दिया गया है ? कैसी शिक्षा दी जा रही है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से एफआईआर दर्ज की गई है । उस पर हमें गंभीर आपत्ति है। सुप्रीम कोर्ट ने बोला कि पिता ने बयान में आरोप लगाया था कि धर्म के कारण उसको पीटा गया है । लेकिन एफआईआर में इसका जिक्र नहीं है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगला सवाल यह है कि वीडियो ट्रांसक्रिप्ट कहां है?

सुप्रीम कोर्ट ने बोला यह मामला गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बारे में है, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में संवेदनशील शिक्षा भी शामिल है । और सुप्रीम कोर्ट ने कहा जिस तरह से यह हुआ है । उससे राज्य की अंतरात्मा को झकझोर देना चाहिए । जस्टिस केएम नटराज ने बोला कि सांप्रदायिक पहलू को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है । वहां कुछ तो है, यह बहुत गंभीर है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की निगरानी में मामले की जांच कराएं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में चार्जशीट कब दाखिल होगी? गवाहों और बच्चे को क्या सुरक्षा दी जाएगी?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आपराधिक कानून को लागू करने में विफलता का मामला है. साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मौलिक अधिकारों और आरटीई एक्ट का उल्लंघन भी है । इसके साथ ही यह किसी बच्चे को शारीरिक दंड देने पर लगे प्रतिबंध का भी उल्लंघन है ।  सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 30 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में शामिल छात्रों की काउंसलिंग पर रिपोर्ट दाखिल करने और पीड़ित बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने का निर्देश दिया है ।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक छात्र को थप्पड़ मारने और विवादित टिप्पणी के मामले में तुषार गांधी की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की निगरानी के लिए एक सीनियर आईपीएस अधिकारी को एक हफ्ते में राज्य सरकार नियुक्त करे. यह अधिकारी कोर्ट को रिपोर्ट देगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उस स्कूल में अब बच्चे को नहीं रखा जाएगा. साथ ही कोर्ट ने अवैध तरीके से स्कूल चलाने पर भी सवाल खड़ा किया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चुका है. गौरतलब है कि एक वायरल वीडियो में दिखाया गया कि एक पब्लिक स्कूल की टीचर एक छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवा रहीं थी और विवादित टिप्पणी भी की ।

Read also : यूपी रोडवेज का मामला : अवध बस डिपो में टिकट घोटाला,6.50 लाख रुपये के टिकट गायब

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *