यूपी रोडवेज का मामला : अवध बस डिपो में टिकट घोटाला,6.50 लाख रुपये के टिकट गायब

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मिली जानकरी के मुताबिक 29 जुलाई को मैन्युअली टिकट की 10 गड्डियों के को गायब किए जाने की सूचना मिली है. फिलहाल मामले की जांच बैठा दी गई है. तीन कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया है. अग्रिम जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि मामला प्रकाश UPSRTC की कमाई घटने के बाद सामने आया है

News jungal desk : राजधानी लखनऊ के कैसरबाग स्थित अवध बस डिपो में एक बड़ा टिकट घोटाला सामने आया है । और यूपीएसआरटीसी के बसों में टिकटों की चोरी का बड़ा मामला प्रकाश में आने के बाद अफसर भी सकते में है । और यूपीएस आरटीसी के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि वैसे तो यूपीएसआरटीसी की बसों में ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मशीन के जरिए टिकट बनाया जाता है । और कुछ मैन्युअल टिकट भी रखे जाते हैं । ताकि अगर मशीन गड़बड़ हो या किसी तरह की कोई दिक्कत हो तो इन्हीं मैन्युअल टिकट को यात्रियों को दिया जा सके ।

मिली जानकरी के मुताबिक 29 जुलाई को मैन्युअली टिकट की 10 गड्डियों के को गायब किए जाने की सूचना मिली है । और फिलहाल मामले की जांच बैठा दी गई है । और तीन कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया है । अग्रिम जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी । और बता दें कि मामला प्रकाश UPSRTC की कमाई घटने के बाद सामने आया है । हर महीने अपना कमाई का पूरा ब्यौरा जमा करने वाले कंडक्टरों और ड्राइवर की जब जांच की गई तो मालूम यह पड़ा कि अगस्त महीने में कमाई घटी है । इसके बाद मैन्युअल टिकटों की गिनती की गई जो तय संख्या से कम मिली है । फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है ।

6 सितंबर को मामले में जांच बिठाई गई और जांच रिपोर्ट में सामने आया कि उसी दिन टिकट गायब हुए है । 29 जुलाई को तीन कर्मचारी जहां तैनात थे । वहां पर रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने जांच में दो बस परिचालकों दिनेश कुमार श्रीवास्तव और अनुज मिश्रा के साथ ही साथ लिपिक राजेश श्रीवास्तव को दोषी पाया और इन्हें निलंबित कर दिया है। और इसके साथ ही बैग कक्ष प्रभारी मधु श्रीवास्तव की लापरवाही सामने आने के बाद उनसे भी जवाब तलब किया गया है. हालांकि कैसरबाग के अवध डिपो पर इस तरह गड़बड़ झाले या चोरी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी हजारों लीटर डीजल चोरी होने का मामला इसी बस अड्डे से प्रकाश में आया था. उसमें भी जांच हुई थी और कई कर्मचारियों को निलंबित किया गया था. कई को कारण बताओं नोटिस दिया गया था, लेकिन लगातार इस तरह के घपले घोटाले के बाद जांच तो होती है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने पर इस तरह की घटनाएं नहीं रुकती है।

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