बरेली में भगदड़ के बाद कांग्रेस की मैराथन रैलियों पर ब्रेक, सीएम योगी की रैली भी रद्द

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कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच यूपी चुनाव को लेकर आयोजित होने वाली रैलियों में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी चुनावी मैराथन रैलियों पर ब्रेक लगाने का फैसला किया है. यूपी चुनाव को लेकर कांग्रेस (UP Congress) ‘बेटी हूं लड़ सकती हूं’ अभियान के तहत अलग-अलग जिलों में मैराथन रैलियों का आयोजन कर रही थी. लेकिन अब कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते इन तमाम रैलियों को रद्द करने का फैसला लिया गया है.  बताया गया है कि जल्द ही तमाम चुनावी रैलियों को रद्द करने का भी ऐलान हो सकता है. इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ की नोएडा में होने वाली रैली भी रद्द कर दी गई है. 

बता दें कि यूपी में चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ कोरोना मामलों की रफ्तार भी तेजी से बढ़ रही है. जिसके चलते तमाम तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं. लेकिन इस बीच चुनावी रैलियों को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे.

कांग्रेस की रैली में मची थी भगदड़ 

बरेली में आयोजित कांग्रेस की मैराथन रैली में मची भगदड़ भी खूब चर्चा में रही. 4 जनवरी को कई छात्राएं कांग्रेस की इस मैराथन रैली में शामिल हुईं थीं. लेकिन अचानक भगदड़ मचने से कई छात्राएं घायल हो गईं. बताया गया कि आयोजन स्थल पर मौजूद अव्यवस्थाओं के चलते ऐसा हुआ है. वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसे साजिश करार दिया. 

सीएम योगी ने भी रद्द की रैली
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते नोएडा में होने वाली अपनी एक चुनावी रैली को रद्द किया है. गुरुवार को सीएम योगी की ये रैली होनी थी. लेकिन नोएडा में कोरोना केस तेजी से बढ़ने के बाद इसे रद्द करने का फैसला लिया गया. बता दें कि नोएडा में राज्य के सबसे ज्यादा कोरोना मामले दर्ज किए गए. 

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हालांकि ये अब तक साफ नहीं हुआ है कि बीजेपी और बाकी राजनीतिक दलों ने बाकी चुनावी रैलियों को लेकर क्या तय किया है. पिछले दिनों आयोजित चुनावी रैलियों में लाखों की संख्या में लोगों को देखा गया. चुनावी रैलियों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आईं, वहीं बिना मास्क के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. अब क्योंकि देश में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों से तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है, ऐसे में चुनावी रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ बड़े खतरे का कारण बन सकती है.

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