Supreme Court: ने लगाई मोदी सरकार के फैसले पर मुहर?

EWS SC Verdict, Supreme Court on EWS: आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे जारी रखने पर अपनी मुहर लगा दी है। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय बेंच ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

न्यूज जंगल डेस्क, देश में EWS आरक्षण जारी रहेगा, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 5 जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 3-2 से अहम फैसला दिया है, (CJI) यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने मोदी सरकार के आर्थिक आधार पर आरक्षण के फैसले पर मुहर लगा दी है।

दरअसल बता दें कि 5 जजों की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी। 5 में 3 जजों ने ईडब्ल्यूएस के पक्ष में राय दी है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के (103वें) संशोधन को सही ठहराया है और कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण जारी रहेगा, हालांकि, चीफ जस्टिस यूयू ललित ने ईडब्ल्यूएस (EWS) कोटा जारी रखने के फैसले पर असहमति जताई है।

चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट असहमत,ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण को जारी रखने पर चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट ने असहमति जताई है, बता दें कि जस्टिस भट्ट ने कहा कि संविधान सामाजिक न्याय के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता है, ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण संविधान के आधारभूत ढांचा के तहत ठीक नहीं है, उन्होंने यह भी कहा कि ये आरक्षण का लिमिट पार करना बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ है।

इन जजों ने समर्थन में सुनाया फैसला….

पांच सदस्यीय बेंच में से 3 जजों ने ईडब्ल्यूएस (EWS)आरक्षण जारी रखने पर सहमति जताई है,जस्टिस दिनेश महेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने आरक्षण को सही ठहराया है,दरअसल जस्टिस महेश्वरी ने कहा कि सवाल बड़ा ये था कि क्या ईडब्ल्यूएस (EWS)आरक्षण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है, बता दें कि और क्या इससे एससी, एसटी, ओबीसी को बाहर रखना मूला भावना के खिलाफ है। जज ने कहा कि ईडब्ल्यूएस (EWS)कोटा संविधान का उल्लंघन नहीं है और यह सही है। वहीं, जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा, “मैंने जस्टिस दिनेश महेश्वरी की राय पर सहमति जताई है!

दरअसल बता दें कि ये है पूरा मामला,साल 2019 में सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत का आरक्षण देने का फैसला लिया गया था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई। इस मामले में 30 से ज्यादा याचिकाएं डाली गई थीं, जिस पर 27 सितंबर को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था!

ये भी पढ़ें:—bollywood actress:आलिया-रणबीर को पैरेंट्स बनने की बधाई, मां नीतू ने दिया ऐसा रिएक्शन?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *