SEBI ने Mutual Fund में फर्जीवाड़े पर दिखाई सख्ती, Insider Trading के नियम किए लागू, जाने कौन होगा प्रभावित?

Securities Exchange Board of India (SEBI) ने Mutual Fund Unit की खरीद-बिक्री को भेदिया कारोबार (Insider Trading) संबंधी नियमों के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किये है। फिलहाल Insider Trading संबंधी नियम…..

Business Desk: Securities Exchange Board of India (SEBI) ने Mutual Fund Unit की खरीद-बिक्री को भेदिया कारोबार (Insider Trading) संबंधी नियमों के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किये है। फिलहाल Insider Trading संबंधी नियम लिस्टेड कंपनियों की सिक्योरिटीज और सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर लागू होते हैं। लेकिन अभी तक Mutual Fund Units को Insider Trading के नियमों से बाहर रखा गया था।

आपको बता दे कि SEBI का फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है। वही फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने कुछ ऐसी जानकारियों का इस्तेमाल करके फंड में अपने निवेश को रीडिम किया जो पब्लिक डोमेन में नहीं आते थे। बता दें कि Insider मतलब होता है किसी शख्स या संस्था के पास किसी स्कीम गुप्त जानकारी होना। इस जानकारी के आधार पर मार्केट में ट्रेडिंग करने को Insider Trading कहते है।

SEBI ने क्या कहा?
गुरुवार को SEBI द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि अगर किसी Insider के पास अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी है और उसका असर फंड की नेट एसेट वैल्यू पर पड़ सकता है, इस स्थिति में वह म्यूचुअल की किसी भी स्कीम की यूनिट्स का लेनदेन नहीं करेगा। वही नए नियमों के तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों में AMC, ट्रस्टियों और उनके करीबी रिश्तेदारों की हिस्सेदारी का खुलासा करना होगा। इसके साथ ही AMC का अनुपालन अधिकारी उस अवधि का निर्धारण करेगा जिस दौरान नामित व्यक्ति म्यूचुअल फंड की इकाइयों में लेनदेन नहीं कर सकता है। SEBI ने इसे प्रभावी बनाने के लिए Insider Trading के नियमों में संशोधन किया, जो 24 नवंबर से प्रभावी है।

Mutual Fund के लाभ के ट्रांसफर की घटी समयसीमा
शुक्रवार को नियामक SEBI ने Mutual Fund Unitholder को लाभांश से प्राप्त राशि के ट्रांसफर के लिए 15 दिन की समयसीमा को घटाकर 7 वर्किंग डे कर दिया है। SEBI के अनुसार, रिकॉर्ड तिथि के बाद 7 दिन भीतर डिविडेंड का भुगतान करना होगा। साथ ही यूनिट बेचने से प्राप्त रकम के ट्रांसफर के लिये समयसीमा मौजूदा 10 वर्किंग डेज से घटाकर वर्किंग डे कर दी गई है। जिन योजनाओं में कुल संपत्ति में से कम-से-कम 80 % राशि विदेशों में स्वीकृत उत्पादों में लगी है तो इस परिस्थिति में यूनिट बेचने से प्राप्त रकम को 5 वर्किंग डे के अंदर ट्रांसफर किया जा सकता है।

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