NASA: 47 साल बाद ओरियन स्पेसक्राफ्ट ने खींची चांद की सबसे साफ तस्वीरें, मिशन ने 4 इलाकों की फोटोज ली….

US Space Agency NASA के ओरियन स्पेसक्राफ्ट ने चंद्रमा की सबसे करीब से तस्वीरें खींची हैं। NASA ने हाल ही में इस स्पेसक्राफ्ट को अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम’ के जरिए चांद का चक्कर लगाने भेजा है।

International Desk: US Space Agency NASA के ओरियन स्पेसक्राफ्ट ने चंद्रमा की सबसे करीब से तस्वीरें खींची हैं। NASA ने हाल ही में इस स्पेसक्राफ्ट को अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम’ के जरिए चांद का चक्कर लगाने भेजा है। यह आर्टेमिस-1 मिशन का हिस्सा है, जो NASA के इंसानी मून मिशन ‘आर्टेमिस’ का पहला स्टेज है।

भेजीं चांद के 4 इलाकों की फोटोज
चंद्रमा की ये फोटोज ओरियन के ऑप्टिकल नेविगेशन सिस्टम द्वारा ली गई है। NASA के इंस्टाग्राम पोस्ट के अनुसार, यह सिस्टम पृथ्वी और चांद की तस्वीरें अलग-अलग दूरी व जगह से खींचता है। ये फोटोज रंगीन नहीं, बल्कि ब्लैक एंड व्हाइट होती हैं। इस पोस्ट में चांद के 4 इलाकों की फोटोज शेयर की गई हैं। बता दे कि यह 1975 में अपोलो मिशन खत्म होने के बाद ली गईं चांद की सबसे नजदीकी फोटोज हैं।

ओरियन ने अपोलो मिशन की याद दिलाई
NASA का आर्टेमिस-1, प्रमुख मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है। यह चांद के करीब जाकर स्पेस एजेंसी के पुराने मिशन अपोलो की याद दिला रहा है। इस पोस्ट में नासा ने बताया है कि ओरियन स्पेसक्राफ्ट उन जगहों के पास से गुजरा है, जो अपोलो 11, 12 और 14 मिशन्स की लैंडिंग साइट्स हैं।

11 दिसंबर को धरती पर वापस आएगा ओरियन
आपको बता दें कि 50 साल में यह पहली बार है जब कोई स्पेस कैप्सूल चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है। फिलहाल इसमें किसी अंतरिक्ष यात्री को नहीं भेजा गया है। ये मिशन 25 दिन 11 घंटे और 36 मिनट का है, जिसके बाद यह 11 दिसंबर को प्रशांत महासागर में आ गिरेगा। ये स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा।

क्या है आर्टेमिस मिशन?

  • 53 साल बाद अमेरिका एक बार फिर आर्टेमिस मिशन के जरिए इंसानों को चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है। इस मिशन को तीन भागों में बांटा गया है। आर्टेमिस-1, 2 और 3। आर्टेमिस-1 का रॉकेट चंद्रमा के ऑर्बिट तक जाएगा, कुछ छोटे सैटेलाइट्स छोड़ेगा और फिर खुद ऑर्बिट में स्थापित हो जाएगा।
  • इसके बाद आर्टेमिस-2 को 2024 के आसपास लॉन्च करने की प्लानिंग है। इसमें कुछ एस्ट्रोनॉट्स भी जाएंगे, लेकिन वे चांद पर कदम नहीं रखेंगे। वे सिर्फ चांद के ऑर्बिट में घूमकर वापस आ जाएंगे। इस मिशन की अवधि ज्यादा होगी।
  • बाद में आर्टेमिस-3 फाइनल मिशन को रवाना किया जाएगा। इसमें जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स चांद पर उतरेंगे। यह मिशन 2025 या 2026 में लॉन्च किया जा सकता है। पहली बार महिलाएं भी ह्यूमन मून मिशन का हिस्सा बनेंगी। इसमें पर्सन ऑफ कलर (श्वेत से अलग नस्ल का व्यक्ति) भी क्रू मेम्बर होगा। एस्ट्रोनॉट्स चांद के साउथ पोल में मौजूद पानी और बर्फ पर रिसर्च करेंगे।

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