चीन के इस जहाज से परेशान है भारत और अमेरिका,जानें वजह

आखिर चीन के इस जंगी जहाज से क्‍यों चिंतित हैं अमेरिका और भारत, जानें इसकी खतरनाक खूब‍ियां।

न्यूज़ जंगल डेस्क,कानपुर : देश में एक लड़ाकू विमान जे-16 डी को असल युद्ध की स्थितियों का सामना करने के लिए रियल काम्‍बेट ट्रेनिंग पर भेज दिया है। इस विमान पर अमेरिका और भारत की पैनी नजर है। यह विमान चीन के जे-20 स्‍टेल्‍थ लड़ाकू विमान के साथ मैदान में उतरेगा। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक यह विमान युद्ध जैसी स्थितियों के लिए एक दम तैयार है। आखिर जे16 डी लड़ाकू विमान की क्‍या खासियत है। इस विमान से अमेरिका और भारत की चिंताए क्‍यों बढ़ गई है। इससे भारत और अमेरिका का सुरक्षा तंत्र कैसे प्रभावित होगा।

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मनों के रडार जाम कर सकता है। इस विमान में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, कम्यूनिकेशन डिस्ट्रप्शन और रडार जाम करने वाले उपकरण लगे हुए हैं। इसके अलावा इसमें हवा से हवा में मार करने वाली कई आधुनिक मिसाइलें भी लगी हैं। यह कई तरह के आधुनिक उपकरणों की एक विस्तृत सीरीज को लेकर उड़ान भर सकता है।

इस लड़ाकू विमान के पंखों के नीचे छोटे उपकरण, जबकि बीच वाले हिस्से में भारी उपकरणों को लगाया जा सकता है। यह जंगी विमान वास्तविक युद्ध की स्थिति में अपने इलेक्ट्रानिक वारफेयर से दुश्मन में खलबली मचा सकता है। इससे दुश्मन के कम्यूनिकेशन और सर्विलांस सिस्टम काम करना बंद कर सकते हैं। इसमें प्रयोग किए गए इलेक्ट्रानिक वारफेयर जेट दूसरे लड़ाकू विमानों के साथ जंग के मैदान में कहर बरपा सकता है।

चीनी वायु सेना का जे-16 डी विमान जे-20 के साथ मिलकर दुश्मन की सेना पर भारी पड़ेगा। एक लड़ाकू विमान दुश्मन के अर्ली वार्निंग सिस्टम को बंद कर देगा और रडार को जाम कर देगा, जबकि जे-20 खुद ही स्टील्थ तकनीक से लैस है। ऐसी स्थिति में वह दुश्मन के ऊपर सटीक हमला कर सकता है। ऐसे में दुश्मन को जवाबी कार्रवाई का मौका भी नहीं मिलेगा।

चीन ने हाल में ही इस लड़ाकू विमान को अपने एयरशो चाइना 2021 में प्रदर्शित किया था। उस वक्‍त चीन का यह विमान सुर्खियों में थो। अब चीन ने भारत से जारी तनाव के बीच अपने सबसे आधुनिक J-16D लड़ाकू विमान को युद्धाभ्यास में उतार दिया है। चीनी वायु सेना का जे -16 डी इलेक्ट्रानिक वारफेयर विमान युद्ध की ट्रेनिंग कर रहा है। चीन की योजना इस विमान को जंग के मैदान में उतारने की है।

इस अध्ययन में यह दावा किया गया है कि तिब्बत और शिनजियांग में चीनी हवाई ठिकानों की अधिक ऊंचाई, क्षेत्र में आम तौर पर कठिन भौगोलिक और मौसम की स्थिति के कारण चीनी लड़ाकू विमान अपने आधे पेलोड और ईंधन के साथ ही उड़ान भर सकते हैं। इस मामले में भारतीय वायु सेना की स्थिति काफी बेहतर है। भारतीय लड़ाकू विमान पूरी क्षमता के साथ हमला कर सकते हैं। चीन के एरियल रिफ्यूलिंग कैपसिटी मतलब हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी कम है। उसके पास पर्याप्त संख्या में एरियल टैंकर नहीं हैं।

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