हाई अलर्ट पर हरियाणा… नूंह में कर्फ्यू, कई शहरों में धारा 144, अर्धसैन्य बलों की 15 कंपनियां होंगी तैनात

इस पूरे मामले में विवाद तब शुरू हुआ जब गौरक्षा दल के सदस्य मोनू मानेसर की एंट्री हुई. मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वो इस यात्रा में शामिल होगा. मोनू मानेसर पर नासिर-जुनैद की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज है और वो अभी फरार चल रहा है. मोनू मानेसर के दावे के बाद नूंह में दूसरे समुदाय के लोगों ने इस यात्रा का विरोध किया और उन्होंने भी सोशल मीडिया के जरिए ही चेतावनी भी दी की मोनू मानेसर अगर मेवात के नूंह में आया तो वापस नहीं जाने देंगे

News Jungal Desk : हरियाणा के नूंह से शुरू हुए बवाल का असर अब  हरियाणा के चार अलग-अलग जिलों में फैल गया है । और मेवात के नूंह में जहां अर्ध सैनिकों की तैनाती हुई है, वहीं साथ लगते जिलों में पुलिस की सख्ती है । और मंगलवार को तनाव शांत करने के लिए कई जगहों पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है ।

सोमवार को हरियाणा के नूंह इलाके में एक धार्मिक शोभा यात्रा के दौरान दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे और देखते ही देखते इस धार्मिक जुलूस के दौरान भड़की हिंसा से राज्य का माहौल गरमा गया था । नूंह में हुए इस बवाल में गुरुग्राम में तैनात दो होमगार्ड की मौत हो गई है । दोनों मृतक नूंह पुलिस की मदद के लिए गुरुग्राम से गए थे । नूंह से शुरू हुई  हिंसा की यह आग आसपास के जिलों  में भी फैल गई और कई जिलों में अभी धारा 144 लागू कर दी गई है । बिगड़ते हालात को देखते हुए हरियाणा सरकार ने केंद्र से मदद मांगी तो केंद्र की ओर से भी अतिरिक्त सुरक्षा बल नूंह भेजे गए हैं । इसके साथ-साथ ही मंगलवार यानी आज कई जिलों में स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं ।

क्यों कहां और कैसे शुरू हुई हिंसा?
दरअसल, हरियाणा गुरुग्राम से नूंह के बीच सोमवार को बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा निकाली गई थी । जिसकी अगवाई विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल ने की थी । इस धार्मिक यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ शामिल हुई है । हरियाणा के कई जिलों से लोग इसमें शामिल होने के लिए पहुंचे थे । और गुरुग्राम से शुरू हुई इस यात्रा को भारतीय जनता पार्टी की गुरुग्राम की जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने गुरुग्राम के सिविल लाइंस इलाके से हरी झंडी दिखाई थी. जुलूस के साथ एहतियात पुलिस की एक टुकड़ी भी तैनात की गई थी ।

ऐसे हुई हिंसा की शुरुआत
इस पूरे मामले में विवाद तब शुरू हुआ जब गौरक्षा दल के सदस्य मोनू मानेसर की एंट्री हुई । और मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वो इस यात्रा में शामिल होगा । मोनू मानेसर पर नासिर-जुनैद की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज है और वो अभी फरार  चल रहा है । मोनू मानेसर के दावे के बाद नूंह में दूसरे  समुदाय के लोगों ने इस यात्रा का विरोध किया और उन्होंने भी सोशल मीडिया के जरिए ही चेतावनी भी दी की मोनू मानेसर अगर मेवात के नूंह में आया तो वापस नहीं जाने देंगे । और इन सबके बीच मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया के जरिए दावा किया कि “वादा किया है तो आना पड़ेगा, स्वागत नहीं करोगे”….और इस पोस्ट के बाद नूंह में मुस्लिम समुदाय के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा और अफवाह फ़ैल गई कि इस शोभा यात्रा में मोनू मानेसर शामिल है । और इस अफवाह के बाद दूसरे गुट के लोगों ने धार्मिक यात्रा में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया था इसी पत्थरबाजी ने बाद में दोनों गुटों में टकराव का रूप ले लिया और हालात इतने बिगड़ गए ।

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