गंगा का जलस्तर घटने से पानी की सप्लाई की मुश्किलें खड़ी होने लगी

न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : कानपुर की 20 लाख से अधिक आबादी को गंगा के पानी की आपूर्ति की जाती है। गंगा का जलस्तर घटने से पानी की सप्लाई की मुश्किलें खड़ी होने लगती हैं। इसको दूर करने के लिए जल निगम ने पांच साल पहले गंगा बैराज से सीधे पानी लेने के लिए 1900 मीटर पाइप लाइन डालने का काम शुरू किया था। मगर, 200 मीटर पाइप डालने का काम बीते दो साल से लटका पड़ा है।

जल निगम अधिकारी भूल गए

इस योजना के तहत आठ करोड़ रुपए की लागत से 1900 मीटर पाइप लाइप भैरवघाट से सीधे गंगा बैराज तक डाली जानी थी। हालांकि, 200 मीटर लाइन डालने का काम अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। जल निगम जीएम आरके शर्मा को भी इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल निगम भी इस योजना को भूल चुका है।

20 करोड़ लीटर पानी सप्लाई

भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से रोजाना शहर वासियों को रोजाना 20 करोड़ लीटर पानी सप्लाई होता है। गर्मियों के सीजन में अक्सर देखा गया है कि पानी की किल्लत होती है। गंगा में पानी कम होने के साथ ही जलकल को हर साल भैरवघाट पर बंधा बनाता पड़ता है। इसमें करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। पाइप लाइन के पड़ने के बाद गर्मियों मे बंधा बनाने की न तो जरूरत पड़ती और न ही पानी किल्लत होती।

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आसानी से पहुंचेगा भैरवघाट तक पानी

पाइन लाइन के डालने के बाद गंगा बैराज में वॉटर सप्लाई के लिए पंप लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बैराज में 1600 एमएम की पाइप लाइप लाइन डाली जानी है। इससे पानी खुद ही भैरवघाट पंपिंग स्टेशन तक पहुंच जाएगा। वहीं, एग्रीमेंट के मुताबिक गंगा बैराज से 1600 एमएलडी पानी लिया जा सकेगा।

आंकड़ों में समझें पूरा प्रोजेक्ट

  • 8 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट हो रहा तैयार
  • 1900 मीटर पाइप लाइन डाली जानी है
  • 160 मीटर लगभग अब भी काम अधूरा
  • 200 MLD वॉटर सप्लाई मिल सकेगी
  • 1.50 करोड़ रुपए हर साल बंधा बनाने का खर्च

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