UP: राज्यपाल ने भारत के बारे में कही ये बातें, अब दुनिया में बदल गई छाप, विश्व गुरु बनने जा रहा भारत…

बस्ती जिले के सल्टौआ गोपालपुर के चौकवा ग्राम पंचायत के आदर्श गांव लेदवा में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कभी गरीबों, बूढ़ों और चूहे-बिल्ली का देश कहा जाने वाला भारत अब विश्व गुरु बनने जा रहा है।

News jungal desk: प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि भारत की छाप अब पूरी दुनिया में बदल चुकी है। कभी गरीबों, बूढ़ों और चूहे-बिल्ली का देश कहा जाने वाला भारत अब विश्व गुरु बनने जा रहा है। 20 देशों के शिखर सम्मेलन का आयोजन 7 सितंबर से 10 सितंबर तक देश के अलग-अलग हिस्सों में होने जा रहा है। इसके जरिये जी-20 में शामिल देशों के राष्ट्राध्यक्ष हमारी संस्कृति, संस्कार, प्रगति और वैभव से भी परिचित होंगे।

सोमवार को जनपद भ्रमण पर आई सल्टौआ गोपालपुर  के चौकवा ग्राम पंचायत के आदर्श गांव लेदवा में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रही थीं। उन्होने कहा कि समूचे विश्व की कुल संपत्ति का 80 प्रतिशत हिस्सा और कुल भू भाग का 75 प्रतिशत हिस्सा जी-20 में शामिल देशों के पास है। शिखर सम्मेलन के दौरान यह सभी देश भारत की समृद्धि, विरासत, प्रज्ञा, रिसर्च से अवगत होंगे। देश के प्रधानमंत्री और वैज्ञानिकों की दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर यह बड़ा काम हुआ है। चांद पर भारतीय यान को सफलता पूर्वक पहुंचते हुए लगभग पूरी दुनिया ने देखा। जिस पर महज 615 करोड़ का खर्च आया। इससे अधिक करीब 1500 से 2000 करोड़ रुपये तो फिल्म बनाने में खर्च हो जाता है। इसके साथ ही हमारे वैज्ञानिकों ने 2 सितंबर को आदित्य एल-वन भी लांच कर दिया है। जो की डेढ़ लाख करोड़ किलोमीटर की दूरी तय करके सूर्य पर पहुंचकर अभ्यास करेगा।

उन्होने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह सब संभव हुआ है। इन प्रयोगों के जरिये भारत ने दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया है। यहीं हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि इसरो सेंटर में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। शिक्षा के क्षेत्र में भी महिलाओं का प्रतिशत ज्यादा है। विश्वविद्यालयों में 80 प्रतिशत गोल्ड मेडल लड़कियों को मिल रहा है। लड़कों को 20 प्रतिशत गोल्ड मेडल मिल पा रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है। पढ़ाई में आधा आधा हिस्सा होना चाहिए। ऐसा यदि नहीं हुआ तो वह भी दिन आएगा जब लड़कियों के लिए शादी योग्य लड़के नहीं मिलेंगे और कम योग्यता होने के कारण लड़कियां उन्हें रिजेक्ट कर देंगी। यह स्थिति तब है जब लड़कियों को पढ़ने के लिए सरकारी स्कूलों में भेजा जा रहा है और लाडले को अधिक से अधिक फीस देकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। ऐसा भेदभाव ठीक नहीं है। बच्चे हमारे परिवार के फूल है। उन्हें अच्छे संस्कार दीजिए और उनकी प्रतिभा को खिलने दीजिए। 

उन्होंने आगे कहा कि जब वह किसी सजायफ्ता कैदी की फाइल देखती हैं और उस पर 5-7 लोगों के खून का अपराध होता है जिसे देख वह पीड़ा से भर जाती है। कुछ मामलों में तो रुपये के लिए लोग माता, पिता, पत्नी तक का खून किए होते हैं। तब यह सोचने के लिए मजबूर होना पड़ता है कि हमारा संस्कार, शिक्षा और आदर्श कहां गया। उन्होंने उपस्थिति समूह का आह्वान करते हुए कहा कि प्रण लीजिए कि हम अच्छे संस्कार के साथ जिंदगी बिताएंगे और खूनी खेल नहीं होने देंगे। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाएं एक साथ गांवों में देखकर मंशा साकार होती नजर आ रही है। अमृत सरोवर, अमृत वाटिका, मार्डन स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन यह सब एक साथ गांव में देखकर खुशी होती है। इसके पहले राज्यपाल बैंडबाजे के साथ स्वागत हुआ। बालिकाओं ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया।

Read also: रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत नहीं आने का फ़ैसला क्यों किया कहीं यह डर तो नहीं है बड़ी वजह!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *