पुलिस ने पड़ोसी को मोहरा बनाकर बचाया खुद को

न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर कल्याणपुर में पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में पुलिस रोजाना नए खेल कर रही है। पहले तो अपने दामन को दाग से बचाने के लिए बेगुनाह पड़ोसी पर हत्या की एफआईआर दर्ज कर दी। अब बेगुनाही का साक्ष्य देने पर और मृतक के परिजनों से खतरा जताने पर पुलिस ने हत्यारोपी को ही सुरक्षा मुहैय्या करा दी है। इसके साथ ही मुकदमा खत्म करने का भी भरोसा जताया है।

पड़ोसी के खिलाफ नहीं मिले हत्या के साक्ष्य, जल्द स्पंज होगी FIR
कल्याणपुर थानाक्षेत्र के माधवपुरम सोसायटी की 40 मडैया निवासी जितेंद्र उर्फ कल्लू (25) की 16 नवंबर की सुबह मौत हो गई थी। परिजनों ने कल्याणपुर पुलिस पर चोरी के संदेह पर हिरासत में लेकर बेरहमी से पीटने से कल्लू की मौत का आरोप लगाया था। लेकिन बाद में परिजन पलट गए और रंजिश में माधवपुरम सोसायटी निवासी मृतक के पड़ोसी जल निगम से रिटायर एक्सईएन वाईएस दीक्षित के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर दी थी। जबकि वाईएस दीक्षित का कल्लू की मौत से कोई लेना-देना नहीं था। सिर्फ उनके घर में चोरी हुई तो कल्लू पर संदेह जताया था। इसी बात को लेकर बुधवार को वाईएस दीक्षित की सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटी व दामाद पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से मिले। उन्होंने वाईएस दीक्षित के निर्दोष होने के साथ ही प्रकरण में किसी तरह से शामिल न होने का साक्ष्य दिया। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने दोनों को आस्वासन देते हुए कहा कि बगैर ठोस सबूत के उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। मृतक के परिजनों से खतरा जताने पर हत्या के आरोप में फंसे वाईएस दीक्षित की सुरक्षा में पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई है।

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पुलिस ने खुद को बचाने के लिए रची साजिश
मृतक की बेटी अंजली ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अंजली का कहना है कि पुलिस ने खुद को बचाने के लिए साजिश रची और मेरे पिता वाईएस दीक्षित के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज किया। उन्होंने वाईएस दीक्षित के हत्या में नहीं शामिल होने के कई साक्ष्य दिए। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने मुकदमा खत्म करने का भरोसा दिलाया है।

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