मोतिहारी में दिनदहाड़े ठेकेदार की हत्या मामलें में 72 घंटे में कातिलों तक पहुंची पुलिस

मोतिहारी के ठेकेदार कुणाल हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, दो गोली एक खोखा बरामद किया है.पुलिस के मुताबिक जमीन विवाद और ठेकेदारी को लेकर हत्या की इस घटना को अंजाम दिया गया था.

न्यूज जंगल नेटवर्क, कानपुर : मोतिहारी नगर के गायत्री नगर में हुए ठेकेदार कुणाल सिंह हत्याकांड का पुलिस ने घटना के महज 72 घंटा बाद ही खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस दौरान घटना में शामिल दो बदमाशों को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार बदमाशों के निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया है. गिरफ्तार बदमाश कोटवा के डुमरा गांव के निवासी मंटू मिश्रा और सोनू पांडे हैं. पुलिस कुणाल हत्याकांड के अंतिम निष्कर्ष पर अभी तक नहीं पहुंच पाई है. कुणाल की हत्या हुई है या पिस्तौल को कॉक करने के दौरान गोली चली है इसका स्पष्ट जबाब पुलिस नहीं दे पा रही है.

पुलिस के कुणाल सिंह हत्याकांड का खुलासा किए जाने के बाद भी कई प्रश्न अनुत्तरित है जिसका जबाब भी पुलिस पूरे विश्वास के साथ नहीं दे पा रही है और पुलिस केवल अनुसंधान की बात कहकर सवालों को टालती रही है. कुणाल सिंह हत्याकांड का खुलासा करने का दावा करते हुए सदर डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि 4 मई को कुणाल सिंह की हत्या में शामिल मंटू मिश्रा और सोनू पांडे को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दोनों बदमाश सेंट्रल जेल में बंद एक कुख्यात अपराधी के ठेका को मैनेज करने का काम करते थे.विज्ञापन

डीएसपी के अनुसार गायत्री नगर के रहने वाले मंटू शर्मा के घर पर कुणाल को गोली लगी थी. उसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए थाना के सामने एक जगह पर हुई मीटिंग में रणनीति बनायी गई और उसी रणनीति के तहत अस्पताल गेट के सामने हंगामा किया गया. डीएसपी ने बताया कि घटना के समय मौके पर मंटू मिश्रा, सोनू पांडे, शिवहर जिला के तरियानी का रिंकू सिंह, मृतक कुणाल सिंह और मंटू मिश्रा के कार का ड्राइवर अजय महतो था. डीएसपी ने बताया कि घटना में प्रयुक्त हथियार, दो जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद हुआ है।

मालूम हो कि 4 मई को दिनदहाड़े कोटवा बाबू टोला निवासी ठेकेदार कुणाल सिंह की हत्या गायत्री नगर में हुई थी. इस घटना के विरोध में शव को एक कार में रखकर कई घंटे तक लोगों ने अस्पताल चौक पर तांडव मचाया. सड़क पर आगजनी कर जाम कर दिया. लोगों का हंगामा इतना ज्यादा था कि पुलिस प्रशासन बेबस बनी हुई थी. कई निर्दोष लोगों की पिटाई की गई. दिन भर मरीज और उनके परिजन हंगामा के कारण परेशान रहे. पुलिस के अनुसार कुणाल सिंह हत्याकांड में शामिल अपराधियों ने ही ये साजिश रची थी.

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परिजनों ने दर्ज कराये गए प्राथमिकी में नामजद किए गए चिकित्सक दम्पति की भूमिका पर भी पुलिस स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रही है. बावजूद इसके कुणाल सिंह हत्याकांड में पुलिस गिरफ्तार अपराधियों के स्वीकारोक्ति बयान बतायी जा रही है और पुलिस इस मामले में अनुसंधान की बात कह रही है.

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