कोविड से मृतकों की लिस्ट में शामिल किए गए जिंदा लोगों के नाम

News Jungal Desk Kanpur- कोविड से मृतकों की लिस्ट में जिंदा लोगों के नाम भी शामिल कर लिए गए। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग ने कागजों में मौत का सर्टिफिकेट भी दे दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब सरकार ने कोविड से मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार मुआवजा देने का एलान किया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने लिस्ट आपदा राहत विभाग को सौंपी। कोविड से मृतकों की 1905 की लिस्ट में जांच में 6 लोग जिंदा पाए गए।

शासन को दी गई मृतकों की फाइल सरकारी रिकार्ड के मुताबिक कोरोना संक्रमण से कानपुर में 1905 लोगों ने दम तोड़ा था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसका रिकार्ड शासन को भेजा गया। बाद में शासन कोरोना मृतक परिवारों को 50-50 हजार मुआवजा देने का एलान किया। नवंबर-2021 से कानपुर कलेक्ट्रेट परिसर से आवेदन पत्रों का वितरण शुरू किया गया। लोगों ने अपने अपने आवेदन जमा किए। जिसका तहसील स्तर पर सभी का सत्यापन किया गया। सत्यापन पूरा होने के बाद पता चला कि 6 लोग ऐसे हैं, जो अब भी जिंदा हैं।

2161 परिवारों को मिला मुआवजा
आपदा राहत अधिकारी ने बताया कि 1905 लोगों के मृतकों की लिस्ट बनी थी, लेकिन कई ऐसे आवेदन भी आए। जिनके नाम लिस्ट में ही नहीं हैं। इन सभी का आवेदन जमा कर उनका भी लेखपाल समेत तहसील स्तर पर सत्यापन करवाया जा रहा है। पिछले तीन महीने में 1905 परिवारों में से 1239 जबकि बिना लिस्ट में नाम वालों समेत कुल 2161 कोरोना मृतक परिवार को 50-50 हजार रुपए मुआवजा राशि दी जा चुकी है।

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जिंदा होने के बाद भी कागजों में मृत
-कृष्णा देवी, बर्रा साउथ
-सुष्मा श्रीवास्तव, तिवारीपुर
-संगीता सिंह, हेमंत विहार
-सावित्री देवी, आवास विकास
-यशोदा नगर निवासी एक अन्य व्यक्ति

खुद बोले मैं तो जिंदा हूं
1-
 तिवारीपुर निवासी समीक्षा श्रीवास्तव ने बताया कि अप्रैल 2021 को उनकी सास सुषमा श्रीवास्तव कोरोना पॉजिटिव हो गई थी। कई दिनों के इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे गई थी। अब वह कोरोना से पूरी तरह ठीक हैं।
2- हेमंत विहार निवासी संगीता सिंह ने बताया कि वह हाउस वाइफ हैं। अप्रैल 2021 में वह और उनके पति कोरोना पॉजिटिव हो गए थे, पति की मौत हो गई। जबकि वह बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। कई बार उनके पास वैरिफिकेशन के लिए फोन आया, सभी को यही कहा कि मैं अभी जिंदा हूं।
3- बर्रा साउथ निवासी सूरज ने बताया कि बीते साल उनकी मां कृष्णा देवी को कोरोना हो गया था, कुछ दिन के इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। कई बार फोन भी आया, सभी को मना किया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
4- आवास विकास निवासी नेहा ने बताया कि उनकी मां सावित्री देवी को कभी कोरोना हुआ ही नहीं है। बावजूद इसके जानकारी के लिए कई दिनों से कॉल आ रही है। सभी को मना भी किया है, कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है, फिर भी सब कॉल किए जा रहे हैं। मां बिलकुल स्वस्थ्य हैं।
5- बाबूपुरवा निवासी दीपक ने बताया कि उनके बाबा सुंदर लाल की मौत जरूर हो गई है, लेकिन कोविड से नहीं हुई। बल्कि इलाज में लापरवाही से उनकी मौत हुई है। इसके चलते उन्होंने 50 हजार मुआवजा भी नहीं लिया है। अस्पताल वालों ने मौत की वजह कोविड क्यों बताई है, इसके बारे में जानकारी नहीं है।

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