अल्मोड़ा की रामलीला में हुई दो पुतला समितियों में ‘महाभारत

दशहरा समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की ने कहा कि जिन पुतला समिति ने बाजार में विवाद किया है और स्टेडियम में नहीं पहुंचे है, उन्हें अगली बार बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा. इसके साथ ही कहा कि रावण बनाने वाली समिति ही तय करे कि अब उन्होंने क्या करना है ।

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : अल्मोड़ा का दशहरा देश-दुनिया में प्रसिद्ध है । और यहां रावण परिवार को दो दर्जन पुतलों का निर्माण करके पूरे बाजार में भ्रमण कराकर स्टेडियम में दहन किया जाता है । लेकिन इस बार रावण के पुतले का दहन नहीं हो पाया है । दो पुतला समितियों के आपस में विवाद के कारण रावण के पुतले को समिति के लोग वापस लाये है और जहां पर निर्माण होता है । वही पर रखा है ।

रात 1 बजे तक दशहरा समिति और रावण निर्माण समिति के बीच विवाद होता रहा, लेकिन आपसी सुलह नही होने के कारण अंत में रावण समिति के लोग पुतले को वापस ले गये है । अब चर्चा का विषय बना है कि अब कब रावण पुतले का दहन होगा. य़ा नही ऐसा पहली बार हुआ है कि रावण का पुतला बना, लेकिन जला ना हो ।

इस दौरान एक अन्य पुतला समिति के साथ शराब पीने को लेकर विवाद हुआ था । विवाद इतना बढ़ गया कि प्रशासन और दशहरा समिति की सहमति के बाद पुतले को कुछ शर्तों के साथ स्टेडियम तक ले जाया गया और लेकिन, वहां माफी नही मांगने पर दशहरा समिति के लोग भड़क गये रावण का दहन किये बिना ही रावण को वापस ले आए और प्रशासन पुतले की जिम्मेदारी दशहरा समिति और पुतला समिति की मानता है । की दशहरा समिति से सहमति नहीं बनने से विवाद और गहरा हो गया था ।

अब देखना होगा कि अल्मोड़ा में बने रावण के पुलते का अब क्या होगा और आज दहन होगा या फिर एक साल तक इंतजार करना पडेगा लोगो को नन्दा देवी की रामलीला में रावण का दहन खुद राम जाकर स्टेडियम में करते थे । और अब नन्दा देवी की रामलीला में राजतिलक कैसे होगा और सब के मन में यह सवाल उठ रहा है कि दशहरा समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की ने कहा कि जिन पुतला समिति ने बाजार में विवाद किया है और स्टेडियम में नहीं पहुंचे है । उन्हें अगली बार बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा और इसके साथ ही कहा कि रावण बनाने वाली समिति ही तय करे कि अब उन्हे क्या करना है आगे ।

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