


न्यूज़ जंगल डेस्क,कानपुर : दिवाली समेत दूसरे त्योहारों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में आज भी पटाखों पर प्रतिबंध के मामले में सुनवाई जारी रहेगी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि मौज-मस्ती के लिए किसी के जीवन से खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पटाखों पर प्रतिबंध किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ कर रही है। आपको बता दें कि बीते कुछ वर्षों से लगातार इन दिनों में होने वाले प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए ये मामला काफी गरमाया हुआ है।
गुरुवार को हुइ सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने कुछ खास बातों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसमें पटाखों को बनाने में होने वाले प्रतिबंधित रसायनों का प्रयोग करने पर थी। इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ऐसे पटाखों की खुलेआम बिक्री पर भी कोर्ट की तरफ से नाराजगी जताई गई थी। कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि मौज-मस्ती के लिए दूसरों के जीवन से खेलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। बता दें कि कोर्ट ने सभी तरह के पटाखों को बैन नहीं किया है। जिन पर बैन लगाया भी गया है उसे जनहित में लगाया गया है।
कोर्ट इस इस मामले में छह पटाखा निर्माता कंपनियों के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू करने पर भी विचार कर रहा है। इसके अलावा कोर्ट की तरफ से नकली ग्रीन पटाखे बनाने और बेचने वालों के खिलाफ जांच का आदेश भी दे सकता है। ये जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है। गौरतलब है कि प्रदूषण को देखते हुए देश में ग्रीन पटाखों की मांग तेजी से बढ़ रही है। हालांकि पटाखों को लेकर पहले से भी नियम बने हुए हैं। इसके बावजूद कई निर्माता इन नियमों को ताक पर रखते हुए पटाखों का निर्माण करते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है।
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