कानपुर का सबसे बड़ा सफेद शिवलिंग जानें इस मंदिर के प्रवेश करने की अनोखी कहानी…

News jungal desk:- कानपुर में कैलाश पति मंदिर (Kailash Pati Temple) जो तकरीबन 110 साल पुराना है। इस मंदिर के पीछे एक अनोखी कहानी भी जुड़ी हुई है। लोग बताते हैं की मुगलकाल में यहां मुगलों का हाता हुआ करता था । लेकिन अंग्रेजों का शासन आने के बाद इस हाते के मालिक गुरु प्रसाद शुक्ला (Guru Prasad Shukla) हो गए। मंदिर समिति के महामंत्री हर्षवर्धन बाजपेई (Harshvardhan Bajpai) ने मंदिर बनाए जाने की कहानी सुनाई।

दरअसल आपको बता दें की महामंत्री हर्षवर्धन बाजपेई (Harshvardhan Bajpai) ने बताया की गुरु प्रसाद शुक्ला (Guru Prasad Shukla) जिनका कोई भी वारिस नहीं था। 100 साल से अधिक समय पहले की बातें जो बुजुर्गों से सुनी है। लोग बताते थे की गुरु प्रसाद शुक्ला जी (Guru Prasad Shukla) को सपना आया कि यहां मंदिर बनवाया जाए। उन्होंने यहां पर एक भव्य मंदिर बनवाया । मंदिर में स्थापित कराई जाने के लिए एक शिवलिंग भी बनवाया गया। लेकिन जब शिवलिंग मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने के लिए लाया गया। तो शिवलिंग बड़ा होने के कारण गर्भ गृह में प्रवेश नहीं हो सका।

तकरीबन 12 से 15 दिन तक गर्भगृह में शिवलिंग प्रवेश कराए जाने की हर कोशिश की गई, लेकिन लोग नाकाम रहे। इसके बाद दुखी होकर गुरु प्रसाद शुक्ल (Guru Prasad Shukla) ने शिवलिंग को सरसैया घाट के पास रखवा दिया। मंदिर में शिवलिंग के प्रवेश न होने के कारण वह दुखी हो गए ,उन्होंने अन्न त्याग दिया। कुछ दिनों बाद उन्होंने अन्न और जल दोनों ही त्याग दिया। कई साल के बाद गुरु प्रसाद शुक्ला को फिर से स्वपन आया की मंदिर में शिवलिंग को ले जाकर गर्भगृह में प्रवेश कराओ ।

शिवलिंग को सरसैया घाट (Sirsaiya Ghat) से मंदिर लाया गया और शिवलिंग गर्भगृह में प्रवेश कर गए। चमत्कार तब हुआ की शिवलिंग गर्भगृह में प्रवेश करते ही शिवलिंग का मुख गंगा जी की ओर अपने आप घूम गया। इसके बाद से यहां पर पूजन पाठ शुरू हो गया। लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ गई आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होने लगी।

मनोकामना पूर्ण करने के पीछे भी है मान्यता-

Kailash Pati Temple के शिवलिंग में 16 सोमवार लगातार जलाभिषेक करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। महामंत्री हर्षवर्धन बाजपेई (Harshvardhan Bajpai) ने बताया कि इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर कोई भी व्यक्ति यदि 16 सोमवार लगातार अपनी मनोकामना मानकर जलाभिषेक करें, तो वह जरूर पूरी होती है। इस मंदिर की मान्यता में कन्याओं के विवाह को लेकर भी माना जाता है ,कि यदि यहां कन्या 16 सोमवार केवल जलाभिषेक निरंतर करती है ,तो उसकी विवाह की बाधा दूर हो जाती है।

देशभर के अलग-अलग शहरों से यहां आते हैं शिवभक्त- कैलाशपति मंदिर (Kailash Pati Temple) और यहां के भक्त गोरखपुर, मुंबई ,बनारस ,गुजरात वृंदावन ,नोएडा के अलावा कानपुर के आसपास के जिलों से दर्शन करने आते हैं । इस मंदिर से मनोकामना पूर्ण होने के बाद इस मंदिर से कई परिवार ऐसे हैं, जो कई पीढियां से लगातार यहां आते हैं। जो देश के अलग-अलग प्रदेशों और शहरों में रहते हैं।

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