ED-CBI,बीजेपी से दोस्ती सारे सवालों का हेमंत सोरेन ने दिया जवाब

नूपुर शर्मा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर 9 एफआईआर दर्ज हैं और उन सभी को एक ही जगह ट्रांसफर कर दिया जाए ताकि देश के अलग-अलग शहरों में उन्हें यात्रा न करनी पड़े।

News Jungal Media,Pvt .Ltd :- झारखंड में कांग्रेस के साथ सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का साथ दिया है। जेएमएम के ऐलान के बाद से ही झारखंड में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। अटकलें लगाईं जा रही हैं कि सत्ताधारी गठबंधन में फूट पड़ चुकी है और जल्द ही जेएमएम-कांग्रेस की राहें अलग हो सकती हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों की ईडी जांच चल रही है। यह भी कहा जाने लगा है कि जांच एजेंसियों से पीछा छुड़ाने के लिए ही जेएमएम ने राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी का साथ दिया है। अब खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अटकलों पर जवाब दिया है। 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक टीवी इंटरव्यू में अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनके इस फैसले से ईडी-सीबीआई की जांच से कोई संबंध नहीं है। सोरेन ने आदिवासी महिला होने की वजह से मुर्मू का साथ देने की दलील पेश करते हुए कहा, ”हमने एक ऐसे वर्ग को वोट किया है, जिसे लंबे संघर्ष के बाद उसे कुछ हासिल होता है। आज मैं मुख्यमंत्री हूं तो इतनी आसानी से नहीं हूं। आज द्रौपदी जी नहीं बल्कि एक वर्ग की महिला ऐसे पद पर जा रही है, जो देश का सर्वोच्च पद है। यही उद्देश्य है। आदिवासी समाज के लोग बड़ी मुश्किलों से अपनी जगह बना पाते हैं। कभी मौका मिला-कभी नहीं मिला। कभी मजबूती से मिला कभी कमजोरी से मिला।आज लगता है कि धीरे-धीरे यह समाज भी राजनीतिक तौर पर मजबूत हो रहा है।”

तेजस्वी ने बताया था रबड़ स्टांप, हेमंत बोले- वक्त बताएगा
तेजस्वी यादव की ओर से यह कहे जाने पर कि द्रौपदी मुर्मू रबड़ स्टांप साबित होंगी, सोरेन ने कहा कि यह तो आने वाला वक्त बताएगा। उन्होंने कहा, ”मैं यह नहीं कहता कि यह आदिवासी समुदाय के लिए यह अंतिम पायदान है। लेकिन वहां तक पहुंचने की क्षमता अब आदिवासी वर्ग में है। यही वजह है कि हमने सपोर्ट किया। वह हमारे राज्य में राज्यपाल की तौर पर रही हैं, कार्यकाल से अधिक समय बिताया है। उस दौरान उन्होंने राज्य के कुछ संवेदनशील विषयों को बहुत अच्छे से प्रभावित किया।”

ईडी जांच के डर से दिया साथ?
यह पूछे जाने पर कि क्या वह बीजेपी के करीब आ रहे हैं और ईडी के डर से द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया, झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ”द्रौपदी मुर्मू जी को प्रत्याशी बनाने के लिए मैंने तो नहीं कहा था। यह प्रस्ताव तो उनका (बीजेपी) ही था, उन्होंने ही आगे किया। इस बीच प्रधानमंत्री जी कई परियोजनाओं के उद्घाटन शिलान्यास के लिए कार्यक्रम हुआ। स्वभाविक तौर पर राज्य सरकार की भी उसमें भूमिका है, राज्य सरकार के संसाधनों का भी इस्तेमाल हुआ है। इसका प्रतिनिधित्व  भी तो झारखंड करेगा। रही बात सीबीआई और ईडी की तो यह आज से नहीं है, हम लोग बहुत समय से कर रहे हैं। इसकी हमें चिंता नहीं है। सीबीआई-ईडी जो काम कर रहे हैं, उसमें हमने कोई हस्तक्षेप नहीं किया, उनकी कार्रवाई से सरकार के कामकाज में कोई प्रभाव नहीं है।”

झारखंड में कांग्रेस के साथ सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का साथ दिया है। जेएमएम के ऐलान के बाद से ही झारखंड में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। अटकलें लगाईं जा रही हैं कि सत्ताधारी गठबंधन में फूट पड़ चुकी है और जल्द ही जेएमएम-कांग्रेस की राहें अलग हो सकती हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों की ईडी जांच चल रही है। यह भी कहा जाने लगा है कि जांच एजेंसियों से पीछा छुड़ाने के लिए ही जेएमएम ने राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी का साथ दिया है। अब खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अटकलों पर जवाब दिया है। 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक टीवी इंटरव्यू में अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनके इस फैसले से ईडी-सीबीआई की जांच से कोई संबंध नहीं है। सोरेन ने आदिवासी महिला होने की वजह से मुर्मू का साथ देने की दलील पेश करते हुए कहा, ”हमने एक ऐसे वर्ग को वोट किया है, जिसे लंबे संघर्ष के बाद उसे कुछ हासिल होता है। आज मैं मुख्यमंत्री हूं तो इतनी आसानी से नहीं हूं। आज द्रौपदी जी नहीं बल्कि एक वर्ग की महिला ऐसे पद पर जा रही है, जो देश का सर्वोच्च पद है। यही उद्देश्य है। आदिवासी समाज के लोग बड़ी मुश्किलों से अपनी जगह बना पाते हैं। कभी मौका मिला-कभी नहीं मिला। कभी मजबूती से मिला कभी कमजोरी से मिला। आज लगता है कि धीरे-धीरे यह समाज भी राजनीतिक तौर पर मजबूत हो रहा है।”

तेजस्वी ने बताया था रबड़ स्टांप, हेमंत बोले- वक्त बताएगा
तेजस्वी यादव की ओर से यह कहे जाने पर कि द्रौपदी मुर्मू रबड़ स्टांप साबित होंगी, सोरेन ने कहा कि यह तो आने वाला वक्त बताएगा। उन्होंने कहा, ”मैं यह नहीं कहता कि यह आदिवासी समुदाय के लिए यह अंतिम पायदान है। लेकिन वहां तक पहुंचने की क्षमता अब आदिवासी वर्ग में है। यही वजह है कि हमने सपोर्ट किया। वह हमारे राज्य में राज्यपाल की तौर पर रही हैं, कार्यकाल से अधिक समय बिताया है। उस दौरान उन्होंने राज्य के कुछ संवेदनशील विषयों को बहुत अच्छे से प्रभावित किया।”

ईडी जांच के डर से दिया साथ?
यह पूछे जाने पर कि क्या वह बीजेपी के करीब आ रहे हैं और ईडी के डर से द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया, झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ”द्रौपदी मुर्मू जी को प्रत्याशी बनाने के लिए मैंने तो नहीं कहा था। यह प्रस्ताव तो उनका (बीजेपी) ही था, उन्होंने ही आगे किया। इस बीच प्रधानमंत्री जी कई परियोजनाओं के उद्घाटन शिलान्यास के लिए कार्यक्रम हुआ। स्वभाविक तौर पर राज्य सरकार की भी उसमें भूमिका है, राज्य सरकार के संसाधनों का भी इस्तेमाल हुआ है। इसका प्रतिनिधित्व  भी तो झारखंड करेगा। रही बात सीबीआई और ईडी की तो यह आज से नहीं है, हम लोग बहुत समय से कर रहे हैं। इसकी हमें चिंता नहीं है। सीबीआई-ईडी जो काम कर रहे हैं, उसमें हमने कोई हस्तक्षेप नहीं किया, उनकी कार्रवाई से सरकार के कामकाज में कोई प्रभाव नहीं है।”

पीएम मोदी संग साझा किया था मंच
गौरतलब है कि 12 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवघर में एयरपोर्ट, एम्स समेत 16800 करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान मंच पर उनके साथ हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे। दोनों के बीच काफी मधुरता से बातचीत हुई, जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। पहले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका देने और फिर राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का साथ छोड़ने के बीच पीएम मोदी के साथ उनकी तस्वीरों को संकेत माना गया कि जल्द ही जेएमएम कांग्रेस का साथ छोड़कर एनडीए कैंप में शामिल हो सकती है।

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