शिंदे सरकार का बड़ा फैसला: ‘वीर सावरकर सेतु’ के नाम से जाना जाएगा बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए मुंबई के वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु रख दिया है। 

News Jungal Desk : महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए मुंबई के वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु रख दिया है। और महाराष्ट्र सरकार ने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति न्हावा शेवा अटल सेतु करने का फैसला लिया है।

आप को बता दें कि 28 मई को वीडी सावरकर की जयंती के मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था कि बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखा जाएगा। और उन्होंने ये भी जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार के वीरता पुरस्कारों की तरह राज्य सरकार भी ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर वीरता पुरस्कार’ देगी।

जानें कौन थे वीर सावरकर?

वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) एक हिंदू राष्ट्रवादी नेता और क्रांतिकारी थे। 1910 में उन्हें ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था। और वीर सावरकर को 50 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। वे 13 साल तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सेलुलर जेल (काला पानी) में बंद रहे। उन्होंने 1921 में ‘एसेंशियल्स ऑफ हिंदुत्व’ नाम की किताब लिखी थी।

आप को बता दें कि बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक 17 किलोमीटर लंबा होगा। मुंबई की जाम से बचने के लिए इस सी लिंक का निर्माण किया जा रहा है। सी लिंक का काम 2018 से चल रहा है। और इसके पूरा होने के बाद डेढ़ घंटे का सफर अब सिर्फ आधे घंटे में तय हो सकेगा।

बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक मुंबई का दूसरा सी लिंक है। और ये वर्सोवा से शुरू होते हुए कार्टर रोड, जुहू के रास्ते बांद्रा तक जाएगा । और जहां ये बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जुड़ेगा। और बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक 8 लेन का होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के निर्माण में 11 हजार 332 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसे 2023 में पूरा होना था, लेकिन देरी की वजह से अब इस प्रोजेक्ट के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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