उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर पहुंचा युवक सुरक्षा पर उठे सवाल

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर :15 दिनों के भीतर ऐसा दूसरी बार हुआ, जब भारत-चीन बॉर्डर पर बिना अनुमति के युवक पकड़ा गया. इस घटना के बाद से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप तो मचा ही हुआ है, बाॅर्डर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. बिहार राज्य के निवासी एक युवक के भारत-चीन सीमा के सोनम बार्डर क्षेत्र में बिना अनुमति के ही पैदल पहुंच जाने की खबर ने सोमवार को बाॅर्डर सिक्योरिटी के दायरों में हलचल पैदा हो गई है .सोनम तक यह युवक कैसे पहुंचा? इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां हैरान भी हैं और जांच भी की जा रही है.

सोनम बाॅर्डर क्षेत्र से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के हिमवीरों ने एक युवक को रविवार को हिरासत में लिया, जिसके बाद उसे हर्षिल लेकर आया गया. उत्तरकाशी ज़िले में स्थित सोनम चौकी भारत-चीन सीमा पर नेलांग घाटी में है. उत्तरकाशी से 88 किलोमीटर दूर भैरव घाटी से सोनम 40 किलोमीटर दूर है. यह बार्डर का कोर ज़ोन है इसलिए सोनम तक जाने की अनुमति पर्यटकों को भी नहीं दी जाती है. इस क्षेत्र में सुरक्षा की लिहाज़ से चप्पे.चप्पे पर सेना, आइटीबीपी व अन्य सुरक्षा एजेंसियां हैं, लेकिन कंकरिया के रहने वाले राजकुमार सुरक्षा को धता बता दिया. गया

गंगोत्री नेशनल पार्क के भैरव घाटी गेट को बिना अनुमति के पार करके आगे बढ़े राजकुमार ने भैरव घाटी से 23 किलोमीटर दूर नेलांग और नेलांग से 10 किमी दूर नागा होते हुए सोनम का सफर पैदल ही कर लिया. नेलांग और नागा क्षेत्र में सेना व आइटीबीपी की कड़ी चौकसी है. इसके बावजूद वह कैसे सोनम तक पहुंचा? यह सवाल सुरक्षा के लिहाज़ से काफी गंभीर है

एक साल से लापता था शख्स

पूछताछ में पता चला है कि युवक मानसिक रूप से दिव्यांग है और अपने घर से एक साल पहले लापता हो गया था. बाॅर्डर के कोर ज़ोन में बिना अनुमति के किसी के पहुंचने की घटना 15 दिन के भीतर दूसरी बार हुई है, जिससे बाॅर्डर क्षेत्र में सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. इस ताज़ा मामले में लापता युवक को लेने के लिए उसका परिवार उत्तरकाशी ज़िले की सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचने में असमर्थ है.

हर्षिल के थानाध्यक्ष दिलमोहन बिष्ट ने कहा कि सोनम से आइटीबीपी के जवान एक युवक को पकड़कर लाए. युवक की उसके परिवार वालों से भी बात कराई गई. बिष्ट के मुताबिक चूंकि पकड़ा गया युवक दिव्यांग निकला है और बिहार में उसके परिवार की माली हालत ऐसी नहीं है कि वो हर्षिल तक पहुंच सकें इसलिए पुलिस इस युवक को कोर्ट में पेश करवाकर अब मानसिक रोगियों के अस्पताल पहुंचाने की कवायद करने मे लगी है.

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