रिलीज होने के 8 महीने बाद ‘The Kashmir Files’ एक बार फिर चर्चा में आ गई है। हाल ही में 53वें International Film Festival of India (IFFI) में इसकी स्क्रीनिंग की गई। यह स्क्रीनिंग 22 नवंबर को….
Entertainment Desk: रिलीज होने के 8 महीने बाद ‘The Kashmir Files’ एक बार फिर चर्चा में आ गई है। हाल ही में 53वें International Film Festival of India (IFFI) में इसकी स्क्रीनिंग की गई। यह स्क्रीनिंग 22 नवंबर को ‘Indian Panorama Section’ के तहत की गई। इस फेस्टिवल के समापन पर इफ्फी के ज्यूरी हेड और इजरायली फिल्ममेकर नादव लापिड ने फिल्म को विवादित बयान दिया, जिससे ये मामला एक बार फिर से गरम हो गया है। उन्होंने इस फिल्म को वल्गर, अश्लील और अनुचित बताया है। उन्होंने इस फिल्म को प्रोपेगेंडा बताया है।
इफ्फी के ज्यूरी हेड नादव लापिड के इस बयान से उनकी भारत और इजरायल में काफी आलोचना हो रही है। इस पर ‘The Kashmir Files’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिक्रिया दी है। साथ ही फिल्म में लीड रोल निभाने वाले एक्टर अनुपम खेर, फिल्ममेकर अशोक पंडित और सुदीप्तो सेन ने भी नादिव के इस बयान पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है।
Vivek Ranjan Agnihotri ने ट्वीट किया है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए और बिना फिल्म के जिक्र किये लिखा कि “सच सबसे खतरनाक चीज है। यह लोगों को झूठा बना देता है।” विवेक अपने इस ट्वीट में किसी का जिक्र नहीं किया है लेकिन ट्विटर यूजर्स इसे नादव लापिड के विवादित बयान के जवाब के तौर पर देख रहे है।
वहीं, Anupam Kher ने ‘The Kashmir Files’ से कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए अपने ट्वीट किया है। इस ट्वीट में वह लिखते है कि “झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों न हो, सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है।”
इसके अलावा फिल्ममेकर Ashoke Pandit ने अपने ट्वीट करते हुए कहा कि “द कश्मीर फाइल्स के खिलाफ नादव लापिड का गैर जिम्मेदाराना बयान भारतीय फिल्ममेकर की बेइज्जती करता है” मैं सभी फिल्ममेकर्स से अपील करता हूं कि वह विवेक अग्निहोत्री के साथ खड़े रहे और एक ऐसे विदेशी का बहिष्कार करे जिसने कश्मीरी पंडित के नरसंहार और सांस्कृतिक खात्मे का मजाक उड़ाया है।”
फिल्ममेकर और इफ्फी ज्यूरी मेंबर Sudipto Sen ने भी नादव लापिड के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वह उनका निजी विचार है। इससे वह और ज्यूरी बोर्ड के अन्य 4 मेंबर इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बतौरी ज्यूरी उन्हें फिल्म के टेक्निकल, ऐस्थेटिक, क्वैलिटी और सोशिओ कल्चर रिलेवंस बात करनी थी। उन्होंने कहा कि ज्यूरी किसी भी फिल्म पर राजनीतिक कमेंट में शामिल नहीं है। यह नादव के अपने विचार हैं।
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मैं कानपुर से हूँ। अमर उजाला व दैनिक जागरण में पिछले 17 सालों से जुड़ा था । मैं दिल्ली, मेरठ और कानपुर में अखबार की टीम हैंडल कर चुका हूं। नोयडा अमर उजाला में ब्यूरो चीफ और मेरठ में अमर उजाला के कॉम्पेक्ट अखबार का एडिटोरियल हेड था। न्यूज़ कंपनी News Jangal Media Pvt. Ltd. चला रहा हूँ। 2019 से मैं Pebble में बतौर रेजिडेंट एडिटर, कानपुर भी काम कर चुका हूं।