न्यूज जंगल डेस्क। कानपुर। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव सपा के सिंबल साइकिल से ही चुनाव लड़ेंगे। उनका टिकट शुकवार को फाइनल हो गया। समाजवादी पार्टी ने शिवपाल को उनकी परंपरागत सीट जसवंतनगर से मैदान में उतारा है।
शिवपाल जसवंतनगर से अब तक पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। यह सीट मुलायम परिवार का गढ़ मानी जाती है। खुद मुलायम सिंह यादव यहां से सात बार जीत चुके हैं। शिवपाल समर्थकों को उम्मीद है कि अभी सपा की ओर दो तीन लोगों को और सिंबल मिलने की गुंजाइश है। इसके लिए शिवपाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संपर्क में हैं।
इससे पहले मंगलवार को पांच साल बाद शिवपाल लखनऊ में सपा कार्यालय पहुंचे और अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। बैठक के बाद में शिवपाल ने दावा किया था कि समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है।
शिवपाल ने यह भी कहा था कि टिकटों का फैसला अखिलेश यादव पर छोड़ दिया है। अखिलेश हमारे नेता हैं। शिवपाल का कहना है कि वह साइकिल सिंबल पर ही अपने प्रत्याशी उतारेंगे। उनकी पार्टी को नया चिन्ह मिला है और इसके बारे में जनता को बताने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं है।
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मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक सक्रियता के दौर में सपा में हमेशा से नंबर दो के नेता रहे शिवपाल यादव ने कुछ दिन पहले ही भतीजे अखिलेश की पार्टी सपा से गठबंधन की घोषणा की थी। प्रदेश के तमाम जिलों में शिवपाल की पार्टी का संगठनात्मक ढांचा खड़ा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही यादव बाहुल्य सीटों पर शिवपाल यादव की अच्छी पैठ है। इनके साथ आने से सपा के आधार वोट बैंक का बिखराव रुकने की उम्मीद है। कुल मिलाकर चाचा के सामने भतीजे को सीएम की कुर्सी तक ले जाने की बड़ी चुनौती है।
पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही सपा में बिखराव हुआ था। शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बना ली थी। इसका खामियाजा चाचा-भतीजा दोनों को उठाना पड़ा था। लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों को झटका लगा था।