US Senate में पास हुआ Same Sex Marriage Bill, जनवरी के पहले प्रेसिडेंट बाइडेन बिल पर करेंगे साइन

US Senate ने Same Sex Marriage Bill पास कर दिया है। New York Times की रिपोर्ट के अनुसार अब इस बिल को हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव के पास फाइनल अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद प्रेसिडेंट बाइडेन बिल पर….

International Desk: US Senate ने Same Sex Marriage Bill पास कर दिया है। New York Times की रिपोर्ट के अनुसार अब इस बिल को हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव के पास फाइनल अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद प्रेसिडेंट बाइडेन बिल पर साइन करेंगे और इसे कानून बना दिया जाएगा। ये प्रोसेस जनवरी के पहले पूरा हो जाएगा।

इस बिल के कानून बनते ही समलैंगिक विवाह को मान्यता मिल जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो अब सेम सेक्स शादी करना गलत नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015 में इसे देश भर में बैन कर दिया था, लेकिन सीनेट में इस बिल के पास होने पर खुशी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि ‘लव इज लव’ और अमेरिका में रहने वाले हर नागरिक को उस व्यक्ति से शादी करने का हक है जिससे वो प्यार करते हैं।

जुलाई में हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में पेश हुआ था
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने जून में गर्भपात के अधिकार की रक्षा करने वाले फैसले को पलट दिया था। अमेरिका में इसके बाद से लोगों को ये डर था कि सेम सेक्स मैरिज भी खतरे में आ सकती है। जिसके बाद बाइडेन की सरकार समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला ये बिल लाई। जुलाई में इस बिल को हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में पेश किया गया था। जिसके बाद हाउस ने यह तय किया कि इस बिल को कानून बनाने के लिए वोटिंग होगी, जिसके बाद इसे 16 नवंबर को सीनेट भेजा गया। इस बिल को पास करने के लिए 100 सदस्यों में से 61 सदस्यों के वोट की जरूरत थी।

जनवरी से पहले इसे कानून बनाना होगा
राष्ट्रपति बाइडेन को सेम सेक्स मैरिज कानून बनाने के लिए बिल पर जनवरी 2023 के पहले साइन करना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जनवरी में हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के कंट्रोल में आ जाएगा। इसके बाद बाइडेन को हर बड़ा फैसला लेने के लिए संसद में विपक्षी डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के भरोसे रहना होगा, क्योंकि हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में जिस भी पार्टी की जीत होती है, संसद में उसी पार्टी का दबदबा होता है। वही पार्टी कानून बनाने में ज्यादा अहम रोल अदा करती है। हाल ही में हुए मिड टर्म इलेक्शन में रिपब्लिकन पार्टी ने हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में बहुमत हासिल किया था। यहां जीतने वाले सभी रिपब्लिकन नेता जनवरी में पद ग्रहण करेंगे।

32 देशों में सेम सेक्स मैरिज लीगल
अगर समलैंगिक शादी के लीगल स्टेटस की बात करें तो दुनियाभर में 3 तरह के देश हैं–
पहला: वो देश जिसने समलैंगिक शादी की इजाजत दी है।
दूसरा: वो देश जहां समलैंगिक संबंधों की इजाजत दी है, लेकिन शादी की नहीं।
तीसरा: वो देश जहां समलैंगिक संबंध और समलैंगिक शादी दोनों पर रोक है।

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार 120 देशों में समलैंगिकता को अपराध नहीं माना जाता है, लेकिन सिर्फ 32 देशों में इस वक्त सेम सेक्स में शादी करने की इजाजत है। इसका मतलब ये है कि दुनिया के 88 देश ऐसे हैं, जहां समलैंगिक संबंधों को इजाजत है लेकिन समलैंगिक शादी की नहीं। इसमें एक देश भारत भी है।

साल 2001 में नीदरलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश था, जहां समलैंगिक शादी की अनुमति मिली थी। इसके अलावा यमन, ईरान समेत दुनिया के 13 देश ऐसे हैं, जहां सेम सेक्स में शादी तो छोड़िए यहां समलैंगिक संबंध बनाए जाने पर भी मौत की सजा दी जाती है।

भारत में समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता नहीं
बता दे कि भारत में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह की इजाजत नहीं देना भेदभाव है। यह LGBTQ कपल के अधिकारों का हनन है। कपल ने समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 में शामिल करने की मांग की है।

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