नगालैंड: पीएम मोदी ने रखी थी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला, अतिक्रमण बन रहा निर्माण में बाधा…

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नगालैंड में सदियों पुराने दीमापुर रेलवे स्टेशन पर भूमि अतिक्रमण फैला हुआ है। हाल ही में पीएम मोदी ने अगस्त माह में यहां पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी, लेकिन अब इसके निर्माण में देरी हो रही है।

News jungal desk: नगालैंड में सदियों पुराने दीमापुर रेलवे स्टेशन के निर्माण में भूमि अतिक्रमण एक बडी बाधा बन रहा है। उसका पुनर्विकास विश्व स्तरीय स्टेशन के रूप में होना है, लेकिन काम में काफी देरी हो रही है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया कि किसी भी प्रकार के विकास के लिए जगह की आवश्यकता होती है, लेकिन दीमापुर में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के कारण निष्पादन समय पर नहीं किया जा सका। 

इसके साथ ही श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र ने पहले ही दीमापुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन बनाने के लिए 280 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं, लेकिन भूमि अतिक्रमण के मुद्दों के कारण निष्पादन कार्य में देरी हो रही है।

उन्होंने सभी से रेलवे प्राधिकरण के साथ सहयोग करने की अपील की ताकि विकास बिना किसी बाधा के पूरा हो सके । चेतन कुमार ने बताया कि रेलवे ने नगालैंड सरकार को भूमि अतिक्रमण मुद्दे से भी अवगत कराया है। 

उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया
महाप्रबंधक ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास सकारात्मक है, क्योंकि उसने मामले का अध्ययन करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि नगालैंड की राजधानी कोहिमा को 2026 तक रेलवे से जोड़ दिया जाएगा, क्योंकि यह पूर्वोत्तर राज्यों की सभी राजधानियों को रेलवे से जोड़ने की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना है। 

एनएफआर, डीआरएम लुमडिंग, प्रेम रंजन कुमार ने कहा कि पहले दस्तावेजों के उचित सत्यापन के बाद अतिक्रमणकारियों की पहचान की जानी चाहिए, उसके बाद ही सरकार की सहायता से बेदखली की योजना बनाई जा सकती है।

पीएम मोदी ने की थी शुरुआत
उन्होंने कहा कि अवैध रूप से बसे लोगों को बेदखल करने के लिए रेलवे के पास अपना एक स्पष्ट नक्शा है, लेकिन इसके लिए उन्हें राज्य सरकार की सहायता की जरूरत है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को सदियों पुराने दीमापुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी। यह देशभर के 508 स्टेशनों में से एक है, जिन्हें ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत आधुनिक बनाया जाएगा, जबकि 56 रेलवे स्टेशन पूर्वोत्तर में शामिल हैं। 

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