दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को नहीं मिली अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने रेगुलर जमानत के साथ ही अंतरिम जमानत के मामले को 4 सितंबर तक टाल दिया है. अब 4 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगा.

News Jungal Desk :दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से आज राहत नहीं मिल पाई है । और मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग कर रहे मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत देने से इनकार कर दिया और मामले को सितंबर के लिए टाल दिया गया है । सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि रेगुलर जमानत वाली याचिका के साथ ही इस पर सुनवाई होगी । और अब चार सितंबर को सुप्रीम कोर्ट मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत अर्जी के साथ-साथ अंतरिम जमानत अर्जी पर भी सुनवाई करेगा ।

दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया ने मेडिकल ग्राउंड के आधार पर जमानत की मांग की है । जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बोला कि अभी इस पर सुनवाई नहीं होगी । 4 सितंबर को ही रेगुलर बेल याचिका के साथ इस पर सुनवाई होगी । सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए बोला है । बता दें कि दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की थी । लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के आखिर में इसे वापस ले लिया गया था । और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं । उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था ।

वहीं, ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था । इससे पहले उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री एवं आबकारी विभाग का मंत्री होने के नाते, वह एक ‘हाई-प्रोफाइल’ व्यक्ति हैं, जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं ।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित दो मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था । न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलील पर गौर किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं ।

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