न्युज जंगल डेस्क कानपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर में बिल्डिंग बायलॉज का पालना नहीं करने वाले एक बिल्डर ने खुद अपने ही भवन को ध्वस्त करवा दिया बिल्डर ने खुद की अवैध इमारत को ढहाने के लिए छत पर बुलडोजर चढ़ाया. बिल्डर ने अपनी ही 4 मंजिला फ्लैट्स की इमारत पर क्रेन से बुल्डोजर चढ़ाकर इसे ढहाने की कार्रवाई की. दरअसल, पृथ्वीराज नगर उत्तर स्थित हनुमान वाटिका ए के भूखंड संख्या 46 पर बिल्डर ने अवैध इमारत खड़ी कर दी थी. इस पर जेडीए ने नोटिस देकर इमारत को दो बार सील करने की कार्रवाई की. मामला अदालत में भी गया. फिर बिल्डर को आखिरकार इमारत को खुद ही ढहाना पड़ा.
ऐसा माना जा रहा है कि जेडीए के इतिहास का यह पहला ऐसा मामला है जिसमें बिल्डर ने खुद अपने स्तर पर इतने बड़े निर्माण को ढहाया हैं जिसमें कि खुद अपनी इमारत ध्वस्त करने के लिए छत पर बुलडोजर चढाया हो. CCE रघुवीर सैनी का कहना है कि “जीरो टॉलरेन्स” की नीति के तहत समान मामलों में समान रूप से कार्रवाई की जाएगी ।
जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सेटब्रेक एवं बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बनने वाले गंभीर प्रकृति के वृहद अवैध निर्माण, अवैध फ्लेट्स – कामर्शियिल बिल्डिंग पर “जीरो टॉलरेन्स” की नीति के तहत समान मामलों में समान रूप से अविलंब प्रभावी कार्रवाई, ध्वस्तीकरण, पुस्ता सीलिंग सुनिश्चित किए जाने से अब ऐसे गंभीर प्रकृति के बड़े अवैध निर्माणों पर प्रभावी अंकुश स्थापित हुआ है. साल 2019 से पहले केवल एक रस्सी बांधकर सीलिंग की कार्रवाई की जाती थी, जिससे उस रस्सी को हटाकर आगे अवैध निर्माण पूर्ण होकर रहवास- व्यावसायिक गतिविधियों प्रारम्भ हो जाने की काफी शिकायतें रहती थी
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साल 2019 से ऐसी अवैध बिल्डिंगों के प्रवेश द्वारों पर इन्जीनियरिंग विंग की सहायता से दीवारे चुनवाई जाकर पुख्ता सीलिंग की कार्रवाई की जाती है. उसके खर्चे की रसीदें रिकॉर्ड पर ली जाकर फाइल में संधारित की जाती है. इससे सील तोड़े जाने की प्रवृति पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है