हैकर्स ने 84 देश के लगभग 50 करोड़ WhatsApp Numbers रखे सेल पर, ढूंढ रहे सही ग्राहक…..

आपने कभी सोचा है कि आपका कोई WhatsApp नंबर भी बेच सकता है? लोगों का ध्यान Cyber World के इस पहलू पर बहुत कम जाता है, लेकिन जहां ध्यान कम होता है, क्रिमिनल्स वहीं एक्टिव होते हैं।

Technical Desk: आपने कभी सोचा है कि आपका कोई WhatsApp नंबर भी बेच सकता है? लोगों का ध्यान Cyber World के इस पहलू पर बहुत कम जाता है, लेकिन जहां ध्यान कम होता है, क्रिमिनल्स वहीं एक्टिव होते हैं। आपको बता दे कि इन दिनों लगभग 50 करोड़ वॉट्सऐप नंबर का डेटा बेस Sale पर है। इन नंबर्स के लिए Cyber Criminals सही ग्राहक ढूंढ रहे हैं।

Cyber News की रिपोर्ट के अनुसार, 16 नवंबर को एक चर्चित हैकिंग कम्युनिटी फोर्म पर एक ऐड पोस्ट किया गया था। वही इस ऐड को पोस्ट करने वाले ने दावा किया था कि उनके पास 48.7 करोड़ वॉट्सऐप नंबर्स हैं और ये डेटा बेस साल 2022 का है। इसके साथ ही इसमें मौजूद वॉट्सऐप नंबर्स एक्टिव हैं।

84 देशों के डेटा है शामिल
रिपोर्ट की मानें तो इस डेटाबेस में 84 देशों के वॉट्सऐप यूजर्स के नंबर शामिल है। वही ऐड पोस्ट करने वालो का दावा है कि इस डेटा बेस में लगभग 3.2 करोड़ अमेरिकी यूजर्स के नंबर हैं। इसके अलावा इसका एक बड़ा हिस्सा मिस्र के यूजर्स का है।
बता दे कि मिस्र के यूजर्स की संख्या 4.5 करोड़, इटली के यूजर्स की संख्या 3.5 करोड़, सऊदी अरब के 2.9 करोड़ यूजर्स, फ्रांस के 2 करोड़ यूजर्स और तुर्की के 2 करोड़ यूजर्स मौजूद हैं।

इसके अलावा इस डेटा बेस में रूस के 1 करोड़ यूजर्स और यूके के 1.1 करोड़ लोगों के फोन नंबर्स शामिल हैं। बता दे कि वॉट्सऐप पर मंथली एक्टिव ग्लोबल यूजर्स की संख्या 2 अरब के पार है। वही हैकर्स ने Cyber News Researchers से इस डेटा बेस का एक सैंपल भी शेयर किया है। इस सैंपल में 1097 नंबर UK के और 817 नंबर्स अमेरिकी यूजर्स के हैं।

सभी नंबर है एक्टिव
आपको बता दे कि रिसर्चर्स ने इन नंबरों को क्रॉस चेक किया है और ये सभी नंबर्स वॉट्सऐप पर मौजूद हैं। फ़िलहाल सेलर ने यह नहीं बताया है कि उनके हाथ ये नंबर्स कहां से लगे हैं। वही रिपोर्ट की मानें तो सेलर ने कन्फर्म किया है कि ये सभी नंबर एक्टिव यूजर्स के हैं। अभी तक इस मामले में Meta की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

जानकारी की माने तो ऐसा हो सकता है कि सेलर ने यह डेटा स्क्रैपिंग के जरिए कलेक्ट किया हो। मेटा लंबे समय से थर्ड पार्टीज के स्क्रैप या डेटा कलेक्ट करने का विरोध करती रही है। वही लीक हुए इन नंबर्स का इस्तेमाल मार्केटिंग, फिशिंग या दूसरे कामों में किया जा सकता है। साथ ही लगातार बढ़ रहे ऑनलाइन फ्रॉड्स में भी इस डेटा सेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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