न्यूज जगंल डेस्क कानपुर सहकारी ग्राम विकास बैंक भोगांव मैनपुरी में शाखा प्रबंधक समेत 4 कर्मचारियों ने मिलकर 3.28 करोड़ का गबन किया था। मामले में मैनपुरी के भोगांव थाने में 5 अक्टूबर 2020 को गबन की FIR दर्ज की गई थी। करोड़ों का घोटाला होने के चलते पुलिस ने मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर करने के लिए शासन को पत्र लिखा था। अब जाकर मामले में 1 साल बाद जांच ट्रांसफर हो सकी है।
FIR के एक साल बाद EOW ट्रांसफर हो सकी जांच
मैनपुरी बेवर भोगांव की उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के शाखा प्रबंधक संदीप त्रिपाठी के मुताबिक पूर्व शाखा प्रबंधक ने कर्मचारियों के साथ मिलकर 3.28 करोड़ रुपए का गबन किया था। मामले में बैंक की मुख्य शाखा से जांच में सामने आया कि बैंक में तैनात तत्कालीन कन्नौज के प्रेमपुर गांव निवासी शाखा प्रबंधक सतेंद्र सिंह राठौर, इटावा सैफई निवासी सहायक शाखा आंकिक परवेश कुमार यादव और इटावा के विरतिया ताखा निवासी विमल कुमार के साथ ही सैफई निवासी उदयवीर सिंह ने मिलकर गबन किया था।
मामले में शाखा प्रबंधक संदीप ने मैनपुरी के भोगांव थाने में चारों के खिलाफ गबन की एफआईआर दर्ज कराई थी। करोड़ों का घोटाला होने के चलते तत्कालीन सीओ अमर बहादुर ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में जांच ट्रांसफर करने के लिए लिखा था। एसपी ईओडब्ल्यू कानपुर मंडल बाबूराम गौतम ने बताया कि शासन के आदेश पर अब मामले की जांच ईओडब्ल्यू ने शुरू कर दी है। जल्द ही टीम साक्ष्य संकलन करने भोगांव जाएंगी।
ये भी देखे IIT कानपुर ने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद प्लेसमेंट ऑफ़र में दर्ज की नई ऊँचाई
14 महीने से अटकी है घोटाले की जांच
करोड़ों के बैंक घोटाले के मामले में भले ही 14 महीने पहले शाख प्रबंधक समेत 4 कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हो गई थी, लेकिन जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। इसके पीछे वजह है कि मामले की जांच एक साल से अटकी हुई थी। अब जाकर शासन के आदेश पर ईओडब्ल्यू जांच ट्रांसफर हो सकी है। जल्द ही मामले की जांच पूरी करने के साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी ईओडब्ल्यू।