आईएसआईएस समर्थक 8 लोगों को आंतकवादी गतिविधियों की साजिश रचने के मामले में दोषी ठहराया गया है। एनआईए कोर्ट द्वारा सोमवार को इन सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।
एनआईए के मुताबिक, आतंकी संगठन आईएसआईएस के समर्थक इन 8 लोगों ने कुछ आईईडी (विस्फोटक) तैयार कर परीक्षण किए थे और उन्हें यूपी के विभिन्न स्थानों पर लगाने की असफल कोशिश भी की थी. लखनऊ के हाजी कॉलोनी स्थित उनके ठिकाने से कथित रूप से जब्त की गई एक नोटबुक में संभावित लक्ष्यों और बम बनाने को लेकर हाथ से लिखे नोट्स बरामद किए गए थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई में शुक्रवार को बड़ी सफलता मिली है. एनआईए की लखनऊ स्थित विशेष अदालत ने आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने के मामले में आठ लोगों को दोषी ठहराया है. एनआईए कोर्ट सोमवार को इन सभी दोषियों की सजा सुनाएगी.
NIA के मुताबिक, ये सभी 8 लोग आईएसआईएस के सदस्य थे और इन्होंने इस्लामिक स्टेट तथा उसके नेता अबू बक्र अल-बगदादी के प्रति ‘बायत’ (निष्ठा) की शपथ ली थी. इनमें से आतिफ मुजफ्फर समूह का अमीर (नेता) था और डॉ. जाकिर नाइक के प्रचार से काफी प्रभावित भी था. वह अक्सर आईएसआईएस से संबंधित वेबसाइटों पर जाता था, जहां से वह सामग्री और वीडियो डाउनलोड करके अपने समूह के अन्य लोगों के साथ साझा कर रहा था.
2017 में गिरफ्तार किए गए सभी दोषी
आईएसआईएस से जुड़ाव के दोषी पाए गए इन लोगों को वर्ष 2017 में यूएपीए, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कानपुर साजिश मामले में गिरफ्तार किया गया था. इन आठ लोगों के खिलाफ लखनऊ एटीसी ने केस दर्ज किया था, जिसे 14 मार्च 2017 को NIA के हवाले कर दिया गया था.
एनआईए के मुताबिक, जांच से पहले पता चला था कि आरोपियों ने कुछ आईईडी (विस्फोटक) तैयार कर परीक्षण किए थे और उन्हें आरोपियों द्वारा यूपी के विभिन्न स्थानों पर लगाने की असफल कोशिश की थी. लखनऊ के हाजी कॉलोनी स्थित उनके ठिकाने से कथित रूप से जब्त की गई एक नोटबुक में संभावित लक्ष्यों और बम बनाने के विवरण के बारे में हस्तलिखित नोट्स मिले थे.
एनआईए के मुताबिक, जांच में आरोपियों के आईईडी बनाने और यहां तक कि हथियार, गोला-बारूद और आईएसआईएस के झंडों के साथ कई तस्वीरें भी मिली थीं. इस समूह ने कथित तौर पर विभिन्न स्थानों से अवैध हथियार, विस्फोटक आदि द्वारा एकत्र किए गए थे. आरोपियों में से एक आतिफ मुजफ्फर ने यह भी खुलासा किया था कि उसने विभिन्न इंटरनेट स्रोतों से सामग्री एकत्र करने के बाद आईईडी बनाने की तकनीकों पर जानकारी का संकलन किया था.
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