बार बार होने वाले ज़ुकाम, छींक और एलर्जी को कैसे ठीक करें ??

how to cure cold and sneeze (ज़ुकाम और छींक को कैसे दूर करें )

यदि आप भी बार बार होने वाले ज़ुकाम, छींक और एलर्जी से परेशान रहते है तो इस पोस्ट में हम आपको इसे उपचार के लिए नुस्खे बतायेंगे |

how to cure cold and sneeze (ज़ुकाम और  छींक को कैसे दूर करें )

News jungal desk: कई लोगो को बार बार जुकाम होने की समस्या होती है जोकि उन्हें काफी परेशान करती है | तो आज हम आपसे बात करेंगे की बार बार होने वाले ज़ुकाम को कैसे ठीक करे |

जुकाम को ठीक करने का नुस्खा (Remedy for cold) :

अलसी के छोटे से दिखने वाले बीजों में कई जरूरी पोषण मिलते हैं जो गंभीर बीमारियों (serious illnesses) को दूर करने में मददगार हैं। अलसी के बीज और गोंद दोनों ही सेहत के लिए गुणकारी हैं। इन दोनों का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों के उपचार में किया जाता है।

अलसी और गोंद (linseed and gum) का प्रयोग एक साथ भी कर सकते हैं। इसके लड्डू बनाकर आप खा सकते हैं। अलसी के बीजों में भरपूर कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम पाए जाते हैं। वहीं, गोंद में प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट होता है। ऐसे में अलसी और गोंद के लड्डू खाने से शरीर को काफी फायदा मिलता है।

अलसी और गोंद के लड्डू कैसे बनाये ?

  • अलसी (flax seeds)- 1/2 किलो
  • गेहूं का आटा- 1/2 किलो
  • देसी घी- 1/2 किलो
  • गुड़- 800 ग्राम
  • काजू- 100 ग्राम
  • बादाम- 100 ग्राम
  • पिस्ता- 50 ग्राम
  • किशमिश- 50 ग्राम
  • गोंद- 100 ग्राम
  • इलायची- 10-15 पिसी हुई

अलसी और गोंद के लड्डू बनाने का तरीका :

  • सबसे पहले आप अलसी (linseeds or flax seeds) को एक थाली में छानकर रखें। फिर इसे सूखी कढ़ाई में रोस्ट करें। अलसी को रोस्ट करने के बाद इसे मिक्सी में दरदरा पीस लें।
  • अब एक कढ़ाई में घी डालकर उसे गर्म करें और उसमें गेहूं का आटा डालकर सुनहरा होने तक भून लें। आटे से महक आने लगेगी इसे आप अलग से एक ट्रे में निकाल कर रख लें। कढ़ाई में देसी घी डालकर इसमें गोंद को तलें। गोंद हल्की ब्राउन हो जाएगी और फूल जाएगी फिर इसे एक प्लेट में निकाल कर रख लें। सारी गोंद को देसी घी में तलने से बाद इसे किसी बेलन या बेलन जैसी चीज़ से दबाकर पीस लें। 
  • जिस कढ़ाई में गोंद फ्राई की है अब इसमें अलसी डालिये और धीमी आंच पर इसे थोड़ी देर पकाइये। जैसे जैसे अलसी पकेगी इसमें से अच्छी खूशबू आने लगेगी। फिर इसे आप एक प्लेट में निकाल कर रख लीजिए। 
  • अब सारे ड्रायफ्रूट्स को आप बारीक काट लें।
  • अलसी के लड्डू बनाने के लिए अब आपको गुड़ की चाशनी तैयार करनी है। चाशनी तैयार करने का तरीका भी आसान है एक पैन में पानी गर्म करें और उसमें गुड़ डाल दें इसे धीमी आंच पर पकाएं और एक तार की चाशनी जब तैयार हो जाए तब इसमें भुना हुआ आटा, भुनी हुई अलसी, बारीक कटे हुए ड्रायफ्रूट्स, गोंद, इलायची पाउडर सब मिला दें। 

अलसी और गोंद के लड्डू के फायदे :

1.हार्ट को बनाए हेल्दी(Keep heart healthy):

अलसी के लड्डू में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (α-Linolenic acid) होता है, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कारगर है। इसके साथ ही वजन को घटाकर दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है। ये ब्लड शुगर लेवल को भी घटाने में हेल्प करता है।

2.डाइजेशन सुधारे(Improve digestion):

अलसी-गोंद (linseed gum) का लड्डू खाने से डाइजेशन मजबूत बनता है। इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है और ये खाने को पचाने का काम करता है। इसके साथ ही यह गैस और कब्ज की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है।

3.इम्यूनिटी बूस्टर(Immunity booster):

अलसी-गोंद (linseed gum) के लड्डू में न्यूट्रीशन होने के साथ-साथ विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। जिनकी इम्यूनिटी (Immunity) कमजोर होती है, वो अक्सर बीमार रहते हैं। इसलिए कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका सेवन करना चाहिए। इससे सर्दी, जुकाम और खांसी में राहत मिलती है।

4.पेट की चर्बी कम करने में कारगर(Effective in reducing belly fat):

अलसी-गोंद का लड्डू वजन कम करने में भी कारगर माना जाता है, इसमें मौजूद फाइबर लंबे टाइम तक पेट को भरा हुआ रखता है, जिससे आपको भूख कम लगती है। इसलिए वजन बढ़ने का डर नहीं रहता है।

5.हड्डियां मजबूत रखता है(Keeps bones strong):

अलसी-गोंद के लड्डू खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके लड्डू खाने से हड्डियों में होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है। इसलिए बढ़ती उम्र में अलसी और गोंद का सेवन डाइट में हमेशा शामिल करना चाहिए।

इन लोगों को सेवन नहीं करना चाहिए :

  • अगर आपको एलर्जी है तो अलसी खाने से बचना चाहिए।
  • लो ब्लड प्रेशर से पीड़ितों को अलसी से परहेज करना चाहिए।
  • लूज मोशन या डायरिया (diarrhea) से पीड़ित लोगों को भूलकर भी इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि अलसी में लैक्सेटिव पाया होता है।
  • ओमेगा 3 फैटी एसिड होने की वजह से खून जमने का प्रोसेस धीमा करता है। जो लोग खून को पतला करने वाली दवा लेते हैं, उन्हें इसके प्रयोग से पहले डॉक्टर (Doctor) से सलाह करनी चाहिए।
  • डिप्रेशन के मरीज अलसी खाने से परहेज करें।

Disclaimer: इस लेख में बताई जाने वाली जानकारी तथा सुझाव को पाठक आरंभ करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर करें। News jungal की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।

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