असम के CM हिमंत ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का केस किया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 30 जून को कामरूप (ग्रामीण) में सीजेएम कोर्ट के समक्ष दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है

न्युज जंगल डेस्क कानपुर :–दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का एक और मुकदमा दर्ज हुआ है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 30 जून को कामरूप (ग्रामीण) में सीजेएम कोर्ट के समक्ष आपको बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है. इससे पहले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा ने भी मनीष सिसोदिया के खलाफ सिविल जज कोर्ट में 100 करोड़ रुपए का मानहानि मुकदमा दायर किया है.

क्या है मामला
बता दें कि दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने 4 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि भारत 2020 में जब कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब असम के स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे. हालांकि, आपको बता दें कि असम सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का परिवार महामारी के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति में कथित कदाचार में शामिल था.

हिमंत बिस्व सरमा ने दी थी चेतावनी
बता दें कि वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इन आरोपों के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करने की चेतावनी दी थी. सरमा ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा था कि असम के पास तब शायद ही कोई पीपीई किट थी. उन्होंने कहा, ‘मेरी पत्नी ने आगे आने का साहस दिखाया और लगभग 1500 किट लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को दान कर दी. उन्होंने एक पैसा भी नहीं लिया.’ मुख्यमंत्री ने जेसीबी इंडस्ट्रीज द्वारा कोविड-19 के दौरान ‘कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी’ के रूप में पीपीई किट प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एचएचएम) के तत्कालीन निदेशक डॉ लक्ष्मणन से मिला प्रशंसा पत्र भी संलग्न किया. जेसीबी इंडस्ट्रीज में सरमा की पत्नी रिंकी सरमा भुइयां एक साझेदार हैं.

मनीष सिसोदिया ने क्या आरोप लगाए थे
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा था, ‘माननीय बता दें कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा जी! यह रहा आपकी पत्नी की जेसीबी इंडस्ट्रीज के नाम 990 रुपये प्रति किट के हिसाब से 5000 किट खरीदने का अनुबंध. बताइए क्या यह कागज झूठा है? क्या स्वास्थ्य मंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना निविदा जारी किये खरीद का ऑर्डर देना भ्रष्टाचार नहीं है?’ सिसोदिया ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट खरीदी.

आप नेता ने कहा कि सरमा ने ‘कोविड-19 आपात स्थिति का लाभ उठाते हुए’ अपनी पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को एक पीपीई किट 990 रुपये के हिसाब से तत्काल आपूर्ति करने के आदेश दिए. सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि सरमा की पत्नी की फर्म चिकित्सा उपकरणों का कारोबार भी नहीं करती है आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया ने खबर के हवाले से कहा, ‘हालांकि सरमा की पत्नी की फर्म को दिया गया अनुबंध रद्द कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी पीपीई किट की आपूर्ति नहीं कर सकी, एक अन्य आपूर्ति आदेश उनके बेटे के व्यापारिक साझेदारों से संबंधित कंपनी को 1,680 रुपये प्रति किट की दर से दिया गया था.’

सरमा की पत्नी ने क्या कहा था
आपको बता दें कि वहीं, हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकू भुइयां सरमा ने पहले सिसोदिया के आरोपों पर स्पष्टीकरण जारी किया था. उन्होंने कहा था कि महामारी के पहले सप्ताह में असम के पास एक भी पीपीई किट उपलब्ध नहीं थी. उसी को ध्यान में रखते हुए मैं एक व्यवसायिक परिचित के पास पहुंची और काफी प्रयास से लगभग 1500 पीपीई किट एनएचएम को पहुंचाई. बाद में मैंने इसे अपने सीएसआर के हिस्से के रूप में मानने के लिए एनएचएम को पत्र लिखा. मैंने एक पैसा भी नहीं लिया

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