कौन है इजरायल हमले का मास्टरमाइंड? आतंकी संगठन हमास का मुखिया मोहम्मद दाइफ

मोहम्मद दाइफ इजराइल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है. मोसाद को खबर तक नहीं लगी और पूरा इजराइल तबाह हो गया.

News jungal desk : इजरायल ने आखिर वह कर दिखाया है, जिसके लिए वह जाना जाता है. अपने 900 नागरिकों की जान गंवाने के बाद उसने हमास पर इतना ताबड़तोड़ हमला बोला है कि पूरी गाजा पट्टी में तबाही मची हुई है.

आपको बता दें कि शनिवार को जब इजरायल में यहूदी धर्म के लोग छुट्टी मनाने की योजना बना रहे थे, उसी समय फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की ओर हजारों हजारों रॉकेट दागे. इसके साथ ही हमास के लड़ाके इजरायल की सीमा में घुस गए. इस दौरान हमास ने इजरायल Israel के कई नागरिकों और सैनिकों को बंधक बना लिया और बच्चो तक को गोलियो से भून दिया इजरायल और फिलिस्तीन में कितने लोग मारे गए? इजराइल को तबाह करने वाले हमास ने ऐसा काम किया है जिसे सुनकर किसी को यकीन नहीं हो रहा है.

दुनिया की सबसे मजबूत खुफिया एजेंसी मोसाद तक को खबर तक नहीं लगी लेकिन इजराइल तबाह हो गया. हमास ने एक दो नहीं, एक साथ 5,000 रॉकेट इजराइल पर दागे. यही नहीं, गजा पट्टी को क्रॉस करके हमास के आतंकवादी इजराइल में भी घुस गए. अचानक हुए इस हमले में 1,000 लोग मारे गए हैं, वहीं सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं. 100 से ज्यादा इमारतें तबाह हो गई हैं. खुद इजराइल के लिए यह किसी सदमे से कम नहीं है. उसकी खुफिया एजेंसियां बुरी तरह हमले के बारे में कोई भी इनपुट देने में फेल रही हैं. इजराइल को धता बताकर हमला करने वाले हमास का मास्टर माइंड के बारे में लोग बेहद कम जानते हैं. यह मास्टरमाइंड है मोहम्मद दाइफ. हमास को फिर से जिंदा करने वाला यह शख्स, इजराइल की आंखों में अब किरकिरी बना है. यह फिलिस्तीन के लिए सबसे बड़ा क्रांतिकारी है. मोहम्मद दाइफ ने हमास के लिए गजा पट्टी में एक से बढ़कर एक सुरंगे बनवाई हैं, जिसमें उसके आतंकी छिपे हुए हैं. रॉकेट से लेकर एंटी ड्रोन सिस्टम तक, हमास के पास वह सब कुछ है, जो इजराइल के पास है. इस्लामिक देशों को अपने नाम पर इकट्ठा करने वाला यह शख्स, फिलिस्तीन का जनप्रिय नेता होता जा रहा है. मोहम्मद दाइफ ने ऑपरेशन अल अक्सा लॉन्च किया है. मकसद है जेरुसलम की अल अक्सा मस्जिद की आजादी. आइए जानते हैं इस कुख्यात आतंकी के बारे में.

कौन है मोहम्मद दाइफ?
साल 1948. अरब और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ा था. खान यूनिस शरणार्थी शिविर में बड़ी संख्या में विस्थापितों को जगह दी गई थी. साल 1965 में मोहम्मद मसरी नाम का एक बच्चा पैदा हुआ. वह धीरे-धीरे आतंकवाद की ओर बढ़ने लगा. साल 1987 में जब इंतिफादा जिसे फिलिस्तीन विद्रोह के नाम से जाना जाता है की शुरुआत हुई तो यही मोहम्मद मसरी की पहचान बदल गई. इसका नाम मोहम्मद दाइफ हो गया. यह इसी दौरान, हमास में शामिल हुआ था.

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