यूपी के DGP देवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे मामलों में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
न्यूज जंगल उत्तर प्रदेश डेस्क : उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने शिकायत का इंतजार किए बिना राज्य में नफरत से भरे बयानों के मामले में पुलिस को खुद सख्त कार्रवाई का आदेश दिया गया है । सुप्रीम कोर्ट के उत्तर प्रदेश सहित तीन राज्यों से ऐसे मामलों में करी गई है कार्रवाई पर एक रिपोर्ट देने के लिए कहने के बाद ये आदेश दिया गया था । इस महीने की शुरुआत में यूपी के पुलिस महानिदेशक (DGP) देवेंद्र सिंह चौहान द्वारा जारी किए गए है । आदेशों की एक कॉपी है। जिसमें किसी भी घृणा अपराध या अभद्र भाषा के उपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया गया है ।
डीजीपी का आदेश कहता है कि अभद्र भाषा या घृणा अपराध के मामले में शिकायत हासिल होने पर या कोई शिकायत न होने की हालत में पुलिस को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए और एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए । और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय (SC) के उस आदेश का भी उल्लेख किया है कि इन आदेशों का पालन करने में किसी भी लापरवाही को ‘अदालत की अवमानना’ के रूप में देखा जा सकता है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करी जा सकती है ।
SC ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 21 अक्टूबर को यूपी, दिल्ली और उत्तराखंड की सरकारों को एक नोटिस जारी किया था और जिसमें नफरत भरे बयानों के मामलों में क्या कार्रवाई करी गई थी और इस पर रिपोर्ट मांगी गई थी. शाहीन अब्दुल्ला नाम के एक शख्स ने अपनी याचिका में कहा था कि देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे बयानों का बोलबाला है । और अपने अंतरिम निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों राज्यों को आदेश दिया कि जब भी कोई नफरत भरा बयान या काम होता है, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 153B और 295A और 505 का मामला बनता है । और कोई शिकायत नहीं होने पर भी मामला दर्ज करके कानून के अनुसार अपराधियों के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करी जाएगी । सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से यह भी कहा कि वे अपने अधीनस्थों को निर्देश जारी करें ताकि जल्द से जल्द कानूनी आधार पर उचित कार्रवाई करी जाएगी ।
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