सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता को लेकर दाखिल एक याचिका को खारिज किया

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समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहले उसके हर पहलू पर विचार करने के लिए गुजरात और उत्‍तराखंड में कमेटी गठित की गई है. यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिए कमेटी गठित करने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है ।

 न्यूज जंगल नेशनल डेस्क :- इस वक्‍त सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है । और शीर्ष अदालत ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया है । और याची ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए गुजरात और उत्‍तराखंड में कमेटी गठित करने के फैसले को चुनौती दिया था और CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए बोला है कि इसमें (समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी गठित करना) गलत क्‍या है? और समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहले उससे जुड़े हर पहलू पर विचार करने के लिए कमेटी गठित करी गई है ।

सुप्रीम कोर्ट में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए गुजरात और उत्‍तराखंड में कमेटी गठ‍ित करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है । और याचिका पर सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को सुनवाई करी है । सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने याची के वकील से पूछा कि इसमें गलत क्‍या है? और संविधान के अनुच्‍छेद आर्टिकल 162 के तहत राज्‍यों को कमेटी बनाने का अधिकार दिया है । और इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है । सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्‍पणी के साथ गुजरात और उत्‍तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने के हर पहलू पर विचार करने के लिए गठित करी गई है । कमेटी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है ।

लंबे समय से बीजेपी के प्रमुख चुनावी मुद्दों में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण और जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 की समाप्ति के अलावा देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना शामिल रहा है । और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है । और साथ जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 समाप्त हो चुकी है । और अब यूसीसी का मुद्दा ही शेष रह गया है । और भाजपा इसके पक्ष में रही है कि देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून होना चाहिए और धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवस्था नहीं होनी चाहिए और शादी, तलाक और संपत्ति जैसे मुद्दों पर एक जैसी व्यवस्था होनी चाहिए ।

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