न्यूज जगंल डेस्क, कानपुर : भारत में वैक्सीन का स्टॉक खासा बढ़ने के साथ अब बहस जोर पकड़ने लगी है कि क्या टीके को दो डोज लगवा चुके लोगों को अब बूस्टर डोज लगावाना चाहिए. अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है. इस बारे में नेशनल टैक्निकल एडवायजरी ग्रुप निर्णय करेगा, जो इस महीने के आखिर में उसकी मीटिंग में होगा. हालांकि दुनियाभर के तमाम देशों में अब बूस्टर शाट लगने लगे हैं.
फिलहाल भारत में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है और बड़ी संख्या में लोग अब दूसरे टीके के बाद पूरी तरह वैक्सीनेटेड कैटेगरी में आ चुके हैं. लेकिन दिसंबर के बाद भारत में ही लाखों-करोड़ों लोग ऐसे हो जाएंगे, जिन्हें कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज लगवाए हुए 06 महीने हो जाएंगे. ऐसे में क्या ऐसे लोगों को बूस्टर शाट दिया जाए. ये बड़ा सवाल है.
वैसे आपको बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन ने बूस्टर शाट दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था कि अभी तो दुनियाभर में प्राइमरी डोज भी पूरे नहीं हुए हैं और कुछ देशों में बूस्टर शाट की शुरुआत की जा चुकी है. डबल्यूएचओ का कहना है कि स्वस्थ लोगों को बूस्टर लगाने का कोई मतलब नहीं है. उसका कहना है कि पहले प्राथमिकता के आधार पर हेल्थ वर्कर, बुजुर्ग लोगों और हाई रिस्क लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और दूसरा डोज लगाया जाना जरूरी है.
कुछ रिसर्च के बाद ये कहा गया है कि वैक्सीन का असर 06 महीने के बाद कम होने लगता है लेकिन अभी इस बहुत स्पष्टता नहीं है. (File pic) (फाइल फोटो)
क्या 06 महीने बाद असर कम होने लगता है
कोरोना वैक्सीन को लेकर जो खबरें पिछले दिनों आईं थीं, उसके अनुसार इन टीकों का असर 06 महीने बाद कम होने लग सकता है. लेकिन अभी इस प समुचित रिसर्च का इंतजार है. फिलहाल ये देखने वाली बात होगी कि भारत में अब बूस्टर शाट को लेकर क्या नीति अपनाई जाती है. आइए देखते हैं कि दुनियाभर के अन्य देशों में किस तरह बूस्टर शाट लगाने के काम में तेजी आ चुकी है.
अमेरिका में सभी एडल्ट बूस्टर के पात्र
अमेरिका में तकरीबन सभी एडल्ट्स बूस्टर शाट के लिए पात्रता सूची में आ चुके हैं. मतलब वहां 60 साल के ऊपर वाले सभी लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लगे हुए भी 06 माह से ज्यादा हो चुके हैं.
कनाडा में बूस्टर शाट को हरी झंडी
कनाडा में वहां के हेल्थ डिपार्टमेंट ने सभी 18 साल के ऊपर के लोगों को बूस्टर शाट लगाने को हरी झंडी दे दी है. लेकिन वहां ये शर्त है कि ये उन्हीं लोगों को लगाई जाएगी, जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज लगवाए 06 माह हो चुके हैं.
इजरायल में तो बहुत तेजी के साथ अपनी आबादी को बूस्टर शाट लगाया जा रहा है. इसमें किशोरों को भी शामिल किया जा रहा है. (फाइल फोटो)
इजरायल में किशोरों को भी लगने लगे बूस्टर
इजरायल ने अपने यहां सबसे पहले बूस्टर डोज लगाने शुरू किए. शुरू में ये डोज 60 साल या इससे ऊपर के लोगों को दिए गए. उसके बाद इसको सभी के लिए खोल दिया गया. इजरायल में तो 12 साल या इससे ऊपर के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है.
हाल ही में इजरायल के आपदा सलाहकार पैनल ने कहा है कि कोविड बूस्टर शाट किशोरों को भी लगाया जाना चाहिए. वहां अध्ययन में देखा गया कि वैक्सीन का असर 06 महीने के बाद खत्म होने लगता है.
ब्रिटेन में 50 साल से ऊपर वालों को बूस्टर
ब्रिटेन में तो तीसरा डोज या बूस्टर उन सभी लोगों के लिए शुरू किया जा चुका है जो 50 साल या ऊपर के हो चुके हैं. वहां काफी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो बूस्टर डोज लगवा चुके हैं.
हंगरी और सर्बिया में तेजी से लग रहे हैं तीसरे डोज
आइसलैंड में हर 05 में 01 शख्स को बूस्टर डोज लग चुका है. हंगरी और सर्बिया में बड़े पैमाने पर लोगों को बूस्टर शाट लगाए जा रहे हैं. स्पेन में बूस्टर लग रहे हैं लेकिन नियंत्रित तरीके से केवल 70 साल या इससे ऊपर के लोगों में
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फ्रांस में 65 साल से ज्यादा वालों को
फ्रांस में 65 साल के ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज यानि तीसरा डोज लगाया जा रहा है. वहां प्रशासन ने सितंबर से बूस्टर डोज की शुरुआत कर दी है. स्वीडन में बूस्टर शाट लग रहे हैं लेकिन बहुत नियंत्रित तौर पर केवल 80 साल या इससे ऊपर के लोगों में.
बूस्टर को लेकर एकराय नहीं
इस तरह देखा जाए तो अभी दुनियाभर के देश इस बात को लेकर एकराय नहीं बना पाए हैं कि बूस्टर डोज कब, कैसे और किस उम्र के लोगों में लगाया जाए. हालांकि अभी इस बात पर भी पूरी तरह रिसर्च नहीं हो पाई है कि वैक्सीन का दोनों डोज लगवाने के बाद कितने दिनों तक उसका असर रहता है. डबल्यूएचओ ने भी अब तक इसे लेकर कोई बात नहीं कही है.