RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई वजह, आखिर क्यों कंट्रोल नहीं हो रही महंगाई?

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Reserve Bank of India (RBI) की तमाम कोशिशों के बाद भी देश में महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही। वही केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2022 में महंगाई बढ़ने के कारणों का जिक्र किया।

Business Desk: Reserve Bank of India (RBI) की तमाम कोशिशों के बाद भी देश में महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही। वही केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2022 में महंगाई बढ़ने के कारणों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने रुपया, डिजिटल करेंसी, विदेशी मुद्रा भंडार समेत इकोनॉमी से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात की।

क्यों कंट्रोल नहीं हो रही महंगाई
महंगाई को लेकर शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनियाभर की इकोनॉमी तनाव के दौर से गुजर रही है। इस हालात के लिए मुख्यतौर पर 3 वजह को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, कोविड महामारी, यूक्रेन-रूस के बीच जंग और वित्तीय बाजार की वजह से उभरे संकट। RBI गवर्नर के अनुसार वर्तमान में देश की GDP ग्रोथ के आंकड़े ठीक हैं। वैश्विक स्तर के मुकाबले भारत की इकोनॉमी का ग्रोथ तेजी से हो रहा है। वही महंगाई के आंकड़े भी अब धीरे-धीरे कंट्रोल हो रहे हैं।

अक्टूबर के आंकड़ों से राहत की उम्मीद
गवर्नर ने उम्मीद जताई है कि सितंबर के मुकाबले अक्टूबर के महंगाई आंकड़े राहत देने वाले होंगे। RBI गवर्नर ने बताया कि अक्टूबर में खुदरा इन्फ्लेशन 7% से कम होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लगातार तीन तिमाहियों के लिए इन्फ्लेशन 6% से ऊपर है, तो इसे मौद्रिक नीति की विफलता है।

केंद्र सरकार को देनी पड़ेगी रिपोर्ट
रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर इन्फ्लेशन के लिये तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया जा सका, तो RBI को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर उसकी वजह और महंगाई को रोकने के लिये उठाये कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार है जब RBI को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देनी पड़ेगी।

समय के साथ तालमेल बिठाना होगा-शक्तिकांत दास
इसके अलावा शक्तिकांत दास ने बताया कि इस समय भी हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बहुत अच्छी स्थिति में है। वैश्विक स्तर पर बदलती परिस्थितियों की वजह से रुपया कमजोर हुआ और केंद्रीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की जरूरत थी। RBI गवर्नर ने आगे कहा कि दुनिया बदल रही है, व्यापार करने के तरीके बदल रहे है। आपको समय के साथ तालमेल बिठाना होगा। कागज के नोटों की छपाई, छपाई की लागत, कागज खरीदना, रसद, भंडारण आदि में खर्चें ज्यादा हैं। आगे चलकर डिजिटल करेंसी कम खर्चीली होगी। सीमा पार लेनदेन और सीमा पार भुगतान के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होगा।

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