राहुल द्रविड़ के हेड कोच बनने पर उठे सवाल, क्या मैनेजमेंट को इनपर गौर करने की है जरूरत….
राहुल द्रविड़ के हेड कोच बनने के बाद इंडियन टीम ने एक ICC इवेंट और एक एशियन लेवल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और दोनों ही टूर्नामेंट्स में टीम खिताब नहीं जीत सकी। जिसके बाद से ही कोच राहुल द्रविड़ को हटाने की बात हो रही है।
Sports Desk: राहुल द्रविड़ के हेड कोच बनने के बाद इंडियन टीम ने एक ICC इवेंट और एक एशियन लेवल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और दोनों ही टूर्नामेंट्स में टीम खिताब नहीं जीत सकी। जिसके बाद से ही कोच राहुल द्रविड़ को हटाने की बात हो रही है। वही अगले साल वनडे वर्ल्ड कप भी खेला जाना है। ODI 2023 के लिए टीम इंडिया को अपनी कमियों में सुधार लाने की जरूरत पड़ेगी। आखिरी बार भारत ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में वनडे विश्व कप 2011 में जीता था। उसके बाद भारत एक भी विश्व कप जीतने में नाकामयाब रहा है। इसके अलावा कुछ ऐसे सवाल हैं जिसपर भारतीय मैनेजमेंट को गौर करने की जरूरत है।
क्या हर फॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ी की जरूरत है?
अन्य टीमों की तरह भारतिया टीम भी इस बात पर यकीन नहीं करता कि टेस्ट, ODI और T20 में अलग-अलग स्किल वाले खिलाड़ियों की जरूरत होती है। देखा जाये तो हमारे पास स्टार खिलाड़ी के रूप में विराट कोहली, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह हैं, जो तीनों फॉर्मेट में खेलते हैं।
कौन होगा ओपनर?
रोहित की चोट के बावजूद केएल राहुल ने दूसरे वनडे में ओपनिंग नहीं की। इसका मतलब यही है कि हम उन्हें मिडिल ऑर्डर के रूप में देख रहे हैं। सिर्फ शिखर धवन और रोहित शर्मा ही ओपन कर सकते हैं। शिखर धवन 50 ओवर के मैच में लगातार कंसिस्टेंट रहे हैं, लेकिन विश्व कप से पहले उनकी स्ट्राइक रेट चिंता का विषय रही थी। इसके अलावा रोहित की फिटनेस पर भी कई सवाल हैं।
कौन होगा वैकल्पिक कप्तान?
वैकल्पिक कप्तान केएल राहुल हो सकते हैं, लेकिन मौजूदा उप-कप्तान ने अभी ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है। जिससे उन्हें यह रोल दिया जा सके। बता दे कि सेलेक्टर ने हार्दिक पांड्या को न्यूजीलैंड के खिलाफ T20 सीरीज में कप्तान बनाया था। हालांकि, वह एक सीरीज थी और ऐसा भी हो सकता है कि वह पांड्या को लेकर श्योर हो।
कौन होगा गेंदबाज?
जब टीम में जसप्रीत बुमराह नहीं थे तो टीम इंडिया ने काफी संघर्ष किया था। खासकर रोहित और द्रविड़ दूसरे विकल्प को ढूंढने में नाकाम रहे। वही रवि बिश्नोई को लगातार मौके नहीं मिले। युजवेंद्र चहल भी विश्व कप में नहीं खेले। IPL ने टीम को अर्शदीप सिंह के रूप में बेहतरीन गेंदबाज दिया, जिन्होंने टीम को कई बार सफलता दिलाई। वही मैनेजमेंट ने सालों बाद मोहम्मद शमी को बुलाया। हर्षल पटेल भारतीय मैदान पर अच्छे साबित होते, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने अपना आत्मविश्वास खो दिया जिस वजह से उन्हें बाहर कर दिया गया।
कहां हैं सेलेक्टर्स?
कुछ दिनों में भारत को एक नया चीफ सिलेक्टर मिल जाएगा। संजू सैमसन और शुभमन गिल के बेहतर प्रदर्शन के बाद भी उन्हें विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया था। वही सूर्यकुमार यादव ने पिछले कुछ दिनों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके बाद भी उन्हें बांग्लादेश दौरे से बाहर कर दिया गया। इस तरह के सवाल है जो समझ से परे हैं।
रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ की कार्यकाल में उठते प्रश्न जो हैं समझ से बाहर
- किसने माना कि ऑस्ट्रेलिया में कारगर साबित होंगे हर्षल पटेल?
- ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ को T20 में सलामी बल्लेबाज के रूप में क्यों नहीं आजमाया गया?
- रवि बिश्नोई को क्यों नहीं खिलाया गया?
- क्या छोटे फॉर्मेट में दीपक हुडा को संजू सैमसन से बेहतर माना जा सकता है?
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