न्यूज जगंल डेस्क कानपुर कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने शासन के निर्देश पर पाकिस्तान से विस्थापित हुए हिंदू बंगाली परिवारों को आशियाना बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। 63 परिवारों को कानपुर देहात के भैंसाया गांव में बसाया जाएगा। लंदनपुर ग्रंट मॉडल के तहत टाउनशिप को डेवलप कर सभी परिवारों को घर दिया जाएगा।
ये है पूरा मामला
पूर्वी पाकिस्तान से वर्ष 1970 में विस्थापित परिवारों के पुर्नवासन के लिए व्यवस्था की गयी थी। पुर्नवासन की कार्यवाही के बाद परिवारों को कारखाने में नौकरी और कृषि भूमि आवंटित की गई थी। ग्राम समाज की जमीन पर टाउनशिप बनाकर सभी परिवारों को यहां रहने के लिए आवास दिया जाएगा। पूर्वी पाकिस्तान के विस्थापित हिंदू बंगाली परिवारों जिन्हें नौकरी पर मदन सूत मिल हस्तिनापुर जनपद मेरठ में पुर्नवासित किया गया था।
1990 से किए जा रहे प्रयास
मिल 1994 में बंद हो जाने के बाद मदन सूत मिल में कार्य कर रही 407 परिवारों में से 332 परिवारों को उड़ीसा एवं बदायूं कृषि भूमि उपलब्ध कराकर पुनः पुर्नवासित किया गया। परन्तु कुल 65 परिवारों को पुर्नवासित अभी तक नहीं किया जा सका था इन 65 परिवारों में 02 परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। अब 63 परिवार बाकी हैं, इनको 1990 से घर देने के प्रयास किए जा रहे थे।
30 योजनाओं का लाभ भी
केडीए वीसी अरविंद सिंह ने बताया कि शासन द्वारा भैंसाया तहसील रसूलाबाद जनपद कानपुर देहात में पुर्नवास विभाग के नाम 121.416 हेक्टेअर जमीन दी गई थी। अब यहां टाउनशिप बनाकर सभी परिवारों को यहां विस्थापित किया जाएगा। आवास के साथ ही सरकार की 30 अन्य योजनाओं का लाभ भी इन्हें दिया जाएगा।
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केडीए ने खाली कराई जमीन
केडीए वीसी के निर्देश पर गंगा किनारे स्थित कटरी क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर जेसीबी चलाई गई। 3 जेसीबी ने ध्वस्तिकरण अभियान चलाकर 25 एकड़ जमीन को खाली कराया। इसकी अनुमानित कीमत करीब 8 करोड़ रुपए है। इन जमीनों पर बिना मानचित्र स्वीकृत किए प्लाटिंग की जा रही थी।