कनपुरियों झूमो नाचो मौज मनाओ # 211 वां जन्मदिन

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न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : बोले तो आज है अपने कानपुर का जन्मदिन, 24 मार्च 1803 को कानपुर को जिला घोषित किया गया था, इस हिसाब से आज कानपुर का जन्मदिवस है, लेकिन यह है बहुत पुराना। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना ब्रह्मावर्त (बिठूर) में बैठकर की थी। राजा ययाति का किला भी इसके बहुत पुराने होने की गवाही देता रहा है। कानपुर एक अलग मिजाज का शहर है। हर चीज में इसका अपना एक अलग ही भौकाल कायम रहता है। चाहे वह क्रांति हो, स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए या फिर औद्योगिक अथवा वैचारिक या फिर मौज मस्ती का ठिकाना हो।

अनेकानेक क्रांतिकारी तो कानपुर की धरती पर ही पैदा हुए
1857 के प्रथम स्वतंत्रता समर से लेकर 1947 में आजादी मिलने तक उत्तर भारत की अगर क्रांति कैपिटल कानपुर को माना जाए, तो बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह से लेकर देश का शायद ही ऐसा कोई क्रांतिकारी रहा हो, जिसका यहां से नाता न रहा हो। अनेकानेक क्रांतिकारी तो कानपुर की धरती पर ही पैदा हुए।

औद्योगिक राजधानी के नाम से था जाना जाता
एक जमाना था, जब पूरे उत्तर प्रदेश में सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व कानपुर से मिलता था क्योंकि यह औद्योगिक राजधानी के नाम से जाना जाता था। तमाम मिलें बंद हो गईं, लेकिन चमड़ा उद्योग में कानपुर देश में प्रथम पंक्ति आज भी है। हैवी मशीनरी और होजरी उद्योग में भी कानपुर दूर-दूर तक नाम विख्यात है। कानपुर का जेके समूह तो देश के टॉप उद्योग समूहों में शुमार रहा है।

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कलमकारों का केंद्र जाना जाता है कानपुर
पत्रकारिता और हिंदी साहित्य में भी कानपुर का नाम सबसे पहले आता है। गणेश शंकर विद्यार्थी, बालकृष्ण शर्मा नवीन, राय देवी प्रसाद पूर्ण, सद्गुरु शरण अवस्थी, विश्वंभरनाथ शर्मा कौशिक, पद्मश्री गिरिराज किशोर आदि की कर्मभूमि कानपुर रहा है।कानपुर को कर्मण्य भूमि के नाम से जाना जाता है।


कलाकार कानपुर
कानपुर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में तमाम लोग पहुंचे। राजू श्रीवास्तव जैसा बड़ा नाम जो कॉमेडी की दुनिया के किंग बन गए। गायक अभिजीत भी कानपुर में बरसों रहे। बॉलीवुड गायकों में कानपुर के अंकित तिवारी जलवा बिखेर ही रहे हैं। टीवी इंडस्ट्री में काम करने वालों की तो बहुत लंबी फेहरिस्त है।

कनपुरिया क्रिकेटर
कानपुर के क्रिकेटर कुलदीप यादव, अंकित राजपूत देश में नाम रोशन कर ही रहे हैं। पुरानी पीढ़ी में गोपाल शर्मा आदि ने कानपुर का नाम चमकाया ही है।

इतनी बार बदला नाम
CAWNPOOR- 1770, गेव्रियल हार्पर
CAUNPOUR- 1776, जेम्स रेनेल
CAUNPORE- 1785,  जेम्स फार्वेस
CAWNPOUR- 1788, जेम्स रेनेल
KAWNPORE- 1790, फोर्ट विलियम पत्राचार
CAWNPORE- 1788, थामस टिवनिंग(सर्वाधिक स्वीकृत वर्तनी, 1857 की क्त्रसंति के बाद से 1948 तक)
CAWNPOR- 1795, फोर्ट विलियम पत्राचार
CAWNPOR- 1798, फोर्ट विलियम पत्राचार
KAUNPOOR- 1798, नक्शा तथा फोर्ट विलियम पत्राचार
KHANPORE- श्रीमती डियेन सैनिक अधिकारी की पत्नी
KHANPURA- वाटर हेमिल्टन, ईस्ट इंडिया गजेटियर
KHANPORE- फारेस्ट एक अंग्रेज यात्री
CAUNPOOR- 1815, ईस्ट इंडिया गजेटियर
KHANPOOR- 1825, भारत का नक्शा
KANHPUR- 1857, नामक चंद की डायरी, मांटगोमरी मिलेसन
CAWNPOUR- 1857, क्त्रसंति के बाद प्रकाशित एक पोस्ट कार्ड 1881 में
CAAWNPORE- 1879, मारिया मिलमेन आफ इंडिया
CAWNPOR- इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ अमेरिका
COWNPOUR- इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ अमेरिका
KANPUR- 1948, वर्तमान।

ये भी रहे है कानपुर के नाम
कान्हपुर, कर्णपुर, कन्हैयापुर

तेज रफ्तार कानपुर
कानपुर बहुत तेजी से तरक्की कर रहा है। शहर का हुलिया बदल रहा है। कभी यहां ट्राम चलती थी। अब मेट्रो चल रही है। ऊंची-ऊंची इमारतें शहर की जमीन पर नक्श हो रही हैं, लेकिन शहर को पहचान बहुत लंबे अरसे से बिठूर, घंटाघर, जेके मंदिर आदि दिलाते रहे हैं और दिलाते रहेंगे।

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