बीरभूमि हिंसा मामलें में हाई कोर्ट में आज दोपहर को होगी सुनवाई।
बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या के बाद में 10 लोगों को जिंदा जला दिए जाने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट सुनवाई होगी।
न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगटूई गांव में सोमवार को तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या के बाद 10 लोगों को जिंदा जला दिए जाने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। इस जघन्य घटना पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर सुनवाई की थी। इस हत्याकांड पर सख्त रुख अपनाते हुए हाई कोर्ट ने आज दोपहर तक राज्य सरकार से मामले की केस डायरी (स्टेटस रिपोर्ट) पेश करने का आदेश दिया है। इस मामले की दोपहर दो बजे के बाद आज सुनवाई होनी है।
उधर, कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि वह मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराने को तैयार है। मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी पुलिस से कार्रवाई को कहते हुए रिपोर्ट मांगी है। हिंसा के बाद इलाके में तनाव है। डर की वजह से कई परिवार यहां से पलायन कर गए हैं।
इसके साथ ही अदालत ने घटनास्थल की 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी, फारेंसिक जांच और गवाहों की सुरक्षा के भी निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई शुरू की है। रामपुरहाट की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई शुरू कर दी। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने केंद्र के अतिरिक्त सालिसिटर जनरल से पूछा कि क्या मामले की जांच की जिम्मेदारी लेने को सीबीआइ तैयार है। इस पर अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ने कहा कि जांच के लिए सीबीआइ तैयार है। इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग घटना के बाद से ही हो रही है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि गुरुवार दोपहर दो बजे तक वह घटना की स्टेटस रिपोर्ट पीठ में दाखिल करे। हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि सेंट्रल फारेंसिक साइंस लैबोरेटरी (सीएफएसएल) दिल्ली की टीम जल्द मौके से साक्ष्य एकत्र करे। आगजनी में घायल एक नाबालिग बालक सहित गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। पीठ ने निर्देश दिया कि शवों के पोस्टमार्टम की वीडियो रिकार्डिग की जाए। यदि पोस्टमार्टम हो गया है तो सरकार अपनी रिपोर्ट में यह भी बताए कि उनकी वीडियोग्राफी की गई थी या नहीं
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