Kanpur : 20 दिनों से दहशत फैला रहे चालबाज तेंदुए के लिए बिछाया खास जाल

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तेंदुए को पकड़ने के लिए कई तरीके अपना चुका वन विभाग अब आज़माया हुआ तरीका अपना रहा है. विभाग को उम्मीद है कि जल्द ही वह तेंदुआ ​कब्ज़े में होगा, जो 20 दिनों से चकमा दे रहा है. जानिए जंगली जानवर को पकड़ने के लिए क्या होता है हनीट्रैप

न्यूज जंगल डेस्क :-कानपुर शहर में लगभग बीते 20 दिनों से एक तेंदुआ (tendua) दहशत का पर्याय बना हुआ है, आईआईटी एनएसआई और अर्मापुर में देखा गया तेंदुआ (tendua) वन विभाग और चिड़ियाघर की टीम को अच्छा खासा छका चुका है, दरअसल बता दें कि तेंदुए को पकड़ने के लिए ये टीमें कई तरीके अपना चुकी हैं, लेकिन सब फेल ही नज़र आ रहे हैं,अब सबसे कारगर और पुराने तरीके को अपनाकर तेंदुए को पकड़ने की तैयारी है,जी हां, अब तेंदुए को हनीट्रैप का जाल बिछाकर पकड़ने की कवायद की जा रही है!

आपको बता दें कि सबसे पहले इस तेंदुए को आईआईटी कानपुर में देखा गया था,दो-तीन दिन तक वह वहां घूमता रहा, उसके बाद उसने अपना रुख एनएसआई की तरफ किया, वहां भी एक-दो दिन वन विभाग और चिड़ियाघर की टीम उसे पकड़ने में जुटी रही, लेकिन वह सबको चकमा देते हुए अर्मापुर जा पहुंचा,अब 4 दिनों से वन विभाग और नगर निगम की टीमों को लगातार चकमा दे रहा है और अभी तक उनकी पकड़ से दूर है!

माना जा रहा है कि तेंदुए को आसपास के जंगल में जंगली सूअर, कुत्ता या नीलगाय आराम से मिल रहे हैं इसलिए वह शिकार को पकड़ने के लिए पिंजड़े की तरफ नहीं आ रहा है, दरअसल बता दें कि दूसरी ओर हनीट्रैप वाली योजना कारगर होती नज़र आ रही है,जब यह हनीट्रैप योजना बनाई गई, तो तेंदुआ (tendua) पिंजड़े के करीब 100 मीटर दूर तक आया भी. टीम को उम्मीद है कि हनीट्रैप के ज़रिये जल्द तेंदुआ पकड़ा जा सकेगा, चिड़ियाघर के डॉक्टर नासिर ने बताया कि तेंदुआ (tendua) चालाक जानवर होता है इसीलिए जल्दी पकड़ में नहीं आता. वह पेड़ों पर भी चढ़ जाता है और रात में ही निकलता है!

क्या है हनीट्रैप? कैसे फंस सकता है तेंदुआ (tendua)?

दरअसल बता दें कि कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर मोहम्मद नासिर ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाया गया था, जिसमें बकरी, सूअर समेत कई जानवर बांधे गए थे लेकिन तेंदुआ (tendua) पिंजड़े के आसपास भी नहीं आया, अब उसको हनीट्रैप करके पकड़ने की कोशिश है, यानी अब एक मादा तेंदुए का बैनर जाल के अंदर लगाया गया है. मादा तेंदुए की यूरिन का छिड़काव पूरे जाल में और बैनर के ऊपर किया गया है ताकि उसकी महक पाकर तेंदुआ (tendua) उस ओर चला आए. साथ ही, मादा तेंदुए की आवाज़ रिकॉर्ड कर ब्लूटूथ स्पीकर से बजाई जा रही है!

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