राष्ट्रपति की रेस में अब ये 3 नाम ,साजिथ प्रेमदासा उम्मीदवारी से हटे पीछे  

 न्यूज जंगल डेस्क कानपुर:-श्रीलंका इन दिनों आर्थिक संकट के साथ राजनीतिक उथल-पुथल का भी सामना कर रहा है. देश में नए राष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीख की घोषणा हो चुकी है. 20 जुलाई को नया राष्ट्रपति चुना जाना है. इस बीच श्रीलंका को एक और सियासी झटका लगा है. राष्ट्रपति की दौड़ में सबसे आगे चल रहे विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने अपना नाम वापस ले लिया है. अब राष्ट्रपति चुनाव की रेस में रानिल विक्रमसिंघे, दुल्लास अल्हापेरुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके ही उम्मीदवार रह गए हैं.

प्रेमदासा ने खुद ट्विटर के माध्यम से उम्मीदवारी से पीछे हटने की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं अपने देश, जिसे मैं प्यार करता हूं, उसकी भलाई के लिए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से अपना नाम वापस लेता हूं. हमारी पार्टी विपक्षी सहयोग की दिशा में कड़ी मेहनत करेंगे.

1978 के बाद पहली बार होंगे राष्ट्रपति चुनाव
श्रीलंका में 1978 के बाद से कभी भी संसद ने राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान नहीं किया. 1982, 1988, 1994, 1999, 2005, 2010, 2015 और 2019 में जनता के वोट से राष्ट्रपति का चुनाव हुआ था. केवल एक बार 1993 में राष्ट्रपति पद मध्यावधि में खाली हुआ था, जब राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गई थी. प्रेमदासा के बचे कार्यकाल के लिए संसद द्वारा डी. बी. विजेतुंगा को सर्वसम्मति से चुना गया था.

नए राष्ट्रपति नवंबर 2024 तक गोटबाया राजपक्षे के शेष कार्यकाल तक पद पर रहेंगे. फाइनल 3 नामों में रानिल विक्रमसिंघे (73) दौड़ में सबसे आगे होंगे. देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच विक्रमसिंघे मई में प्रधानमंत्री बने. बाद में आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच इस्तीफा दे दिया था. हाल ही में गोटबाया की जगह कार्यवाहक राष्ट्रपति बने हैं.

विक्रमसिंघे ने सभी पार्टियों से सहयोग की अपील
श्रीलंका के कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में जारी आर्थिक संकट को सुलझाने के लिए सभी पार्टियों से सहयोग की अपील की है. विक्रमसिंघे ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अपने मतभेद किनारे कर देने चाहिए. सिर्फ एक व्यक्ति के लिए देश को नहीं झुलसने देना चाहिए. उन्होंने श्रीलंका में सर्वदलीय सरकार बनाने की अपील की है.

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विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका को संकट से निकालने में यह योजना कारगर साबित हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौते की कोशिशें जारी हैं. इसके अलावा कुछ और देशों से आर्थिक मदद पर भी चर्चा प्रगति पर है.

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