भारत रत्न से सम्मानित किए जायेंगे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह,1937 में पहली बार बने थे विधायक, जाने पूरा इतिहास…

 पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। चरण सिंह का जन्म किसान परिवार में हुआ था। वह 1937 में पहली बार विधायक बने थे। 

News jungal desk: भारत सरकार ने तीन और अन्य लोगों को भारत रत्न देने का एलान कर दिया है। आपको बता दें कि इनमें पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह का नाम भी शामिल है। चरण सिंह की पहचान किसान नेता के तौर पर रही है। उनके बेटे जयंत चौधरी हैं जो राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया हैं। 

किसान परिवार में हुआ था जन्म 
आपको बता दें कि चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1923 में विज्ञान से स्नातक की एवं 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। कानून में प्रशिक्षित चरण ने गाजियाबाद से अपने पेशे की शुरुआत की। जिसके बाद वे 1929 में मेरठ आ गये और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए

1937 में पहली बार बने विधायक
आपको बता दें कि चरण सिंह सबसे पहले 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए एवं 1946, 1952, 1962 एवं 1967 में विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया। वे 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने और राजस्व, चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना इत्यादि विभिन्न विभागों में भी कार्य किया। जून 1951 में उन्हें राज्य के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया एवं न्याय तथा सूचना विभागों का प्रभार भी दिया गया। बाद में 1952 में वे डॉ. सम्पूर्णानन्द के मंत्रिमंडल में वह राजस्व एवं कृषि मंत्री बने। अप्रैल 1959 में जब उन्होंने पद से इस्तीफा दिया, उस समय उन्होंने राजस्व एवं परिवहन विभाग का प्रभार संभाला हुआ था।

सी.बी. गुप्ता के मंत्रालय में वे गृह एवं कृषि मंत्री (1960) थे। सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में वे कृषि एवं वन मंत्री (1962-63) रहे। उन्होंने 1965 में कृषि विभाग छोड़ दिया एवं 1966 में स्थानीय स्वशासन विभाग का प्रभार संभाल लिया।

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