11 महीने से जेल में बंद महाराष्‍ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को मिली जमानत

महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता अनिल देशमुख को बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख की अर्जी पर एक सप्‍ताह के अंदर आदेश देने का निर्देश दिया था. वह पिछले 11 महीनों से जेल में बंद थे ।

. न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : महाराष्‍ट्र से इस वक्‍त की सबसे बड़ी खबर आ रही है । कि 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले में जेल में बंद राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दिया है . कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को स्‍वीकार कर लिया है और अनिल देशमुख प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था । और बता दें कि अनिल देशमुख पिछले 11 महीनों से जेल में बंद थे । अब जाकर बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने उन्‍हें राहत दिया है ।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी निर्देश दे चुका था । अब बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत अर्जी को स्‍वीकार करते हुए उन्‍हें राहत दी है. ईडी ने अनिल देशमुख की जमानत अर्जी का विरोध भी किया था । सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख की बेल पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई में 7 महीने की देरी की याचिका पर आदेश देते हुए बोला था कि उच्‍च न्‍यायालय 1 हफ्ते के अंदर अनिल देशमुख की बेल पर सुनवाई करे और ऑर्डर दे । इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में अनिल देशमुख की बेल पर दो दिनों तक मैराथन सुनवाई हुई है । कोर्ट ने बुधवार तक के लिए आपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है ।

अनिल देशमुख की जमानत अर्जी का ईडी ने पुरजोर विरोध किया था । और ED की तरफ से हाई कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि जेल में बंद अनिल देशमुख को अगर जमानत दी जाती है तो इसका मतलब होगा कि महाराष्‍ट्र के पूर्व मंत्री PMLA के तहत मुख्य आरोपी ही नहीं हैं । उन्‍होंने दलील थी कि आर्थिक अपराध गंभीर है और यह देश की वित्तीय ताकत को प्रभावित करता है । ऐसे में जमानत देते वक्त अदालत को यह मानना होगा कि आरोपी बिल्कुल भी शामिल नहीं था ।हालांकि, कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की तमाम दलीलों पर विचार करते राकांपा नेता की जमानत याचिका को स्‍वीकार कर लिया ।

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