अल नीनो को लेकर वैज्ञानिकों ने जारी की चेतावनी,1.5°C तक बढ़ सकता है दुनिया का तापमान
अल नीनो (EL Nino) के प्रभाव को लेकर चेतावनी जारी की गई है. वैज्ञानिकों ने 2023 के अंत तक अल नीनो जलवायु की वापसी के अनुमान लगाए हैं. इसके पहले 2016 में अल नीनो के कारण यह साल इतिहास का सबसे गर्म साल रहा. बताया गया कि अल नीनो की संभावित वापसी को लेकर स्थिति जून तक स्पष्ट हो जाएगी ।
न्यूज जंगल वेदर डेस्क :- जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव दुनिया भर में देखने को मिल रहे हैं और इसके कारण विश्वभर का तापमान बढ़ा है । दुनिया के तापमान (Temperature) को लेकर वैज्ञानिकों ने फिर अलर्ट जारी कर दिया है । अब अनुमानित अल नीनो (EL Nino) के प्रभाव को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दिया है । वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस साल के अंत में अल नीनो जलवायु घटना की वापसी के कारण वैश्विक तापमान बढ़ सकता है । और भीषण हीटवेव पैदा करेगा । और शुरुआती पूर्वानुमान बताते हैं कि अल नीनो 2023 के बाद फिर वापस आएगा और यह दुनिया भर में तापमान बढ़ा देगा ।
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ‘अल नीनो’ के कारण बहुत संभावना बन जाएगी कि दुनिया 1.5℃ की वार्मिंग को पार कर जाए. अल नीनो का प्रभाव 2016 में भी देखने को मिला था. अल नीनो के कारण ही 2016 इतिहास में दर्ज सबसे गर्म वर्ष था । उस साल अल नीनो के कारण भीषण गर्मी पड़ी थी । और जिसके बाद एक बार फिर वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करी है ।
क्या है अल नीनो?
अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है. यह प्रशांत क्षेत्र में समुद्र के तापमान और हवाओं द्वारा संचालित एक प्राकृतिक दोलन का हिस्सा है. अल नीनो, इसके समकक्ष शीत अवस्था ला नीना और तटस्थ स्थितियों के बीच स्विच करता है. पिछले तीन वर्षों में लगातार ला नीना की घटनाओं का असामान्य क्रम देखा गया है. इस वर्ष यानी 2023 पहले से ही 2022 से अधिक गर्म होने का अनुमान है. अल नीनो उत्तरी गोलार्ध की सर्दियों के दौरान होता है और इसके ताप प्रभाव को महसूस करने में महीनों लगते हैं. जिसका अर्थ है कि 2024 में एक नया वैश्विक तापमान रिकॉर्ड स्थापित करने की अधिक संभावना है.
वैज्ञानिकों ने जारी किया चेतावनी
मानव गतिविधियों द्वारा उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों ने औसत वैश्विक तापमान को आज तक लगभग 1.2℃ तक बढ़ा दिया गया है । इसने पहले ही दुनिया भर में भयावह प्रभाव डाला है । और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के कारण अमेरिका और यूरोप में भीषण गर्मी से लेकर पाकिस्तान और नाइजीरिया में विनाशकारी बाढ़ तक, लाखों लोगों को नुकसान हो रहा है ।
यूके मेट ऑफिस के प्रो एडम स्काइफ़ ने बोला कि यह बहुत संभावना है कि अगला बड़ा अल नीनो तापमान को 1.5℃ से अधिक ले जा सकता है । और संभावित अल नीनो का पैमाना अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है । और लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024 में अल नीनो के कारण भीषण गर्मी पड़ सकती है और वैज्ञानिकों ने बोला है कि अल नीनो को लेकर जून तक तस्वीर साफ हो जएगी ।
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