Delhi Politics: एलजी से बिना मिले ही लौटे CM केजरीवाल, बिना विधायकों के मिलने से किया इनकार

News jungal political desk- राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अभी भी जारी है। ताजा मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उपराज्यपाल पर शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने से रोकने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व पार्टी के अन्य विधायकों के साथ विधानसभा से लेकर उपराज्यपाल निवास तक एक जुलूस निकाला। इस दौरान सीएम केजरीवाल सभी विधायकों के साथ एलजी से मिलने की मांग पर भी अड़े रहे। उनकी मांग न पूरी होने पर वह एलजी आवास के पास से वापस लौट आए।

सड़क पर अरविंद केजरीवाल ने निकाला जुलूस

अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के विधायकों के साथ शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने के मुद्दे को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि एलजी शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोक रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने एलजी पर दिल्ली में योग कक्षाओं पर रोक लगाने का भी आरोप लगाया है।

LG के पास नहीं शिक्षकों को ट्रेनिंग में जाने से रोकने का हक

सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता को तानाशाही नहीं बल्कि संविधान और लोकतंत्र चाहिए। तानाशाही के खिलाफ जनता के हक के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाते हुए कहा, “दिल्ली की चुनी हुई सरकार है, दिल्ली के लोगों द्वारा जमा टैक्स है, दिल्ली के बच्चों की शिक्षा है… तो फिर एलजी साहब को क्या समस्या हो रही है? गरीबों के बच्चों को भी अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। हम सरकारी शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेज रहे हैं।” वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी को शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने से रोकने का हक नहीं है।

इसी कड़ी में मनीष सिसौदिया ने कहा कि, “दिल्ली के एलजी. द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों की धज्जियां उड़ाकर सरकार के कामों को ठप करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरह से शिक्षकों को ट्रेनिंग पर जाने से रोका जा रहा है उससे लगता है कि इनकी मंशा ठीक नहीं है। हमारी उपराज्यपाल साहब से विनती है कि चुनी हुई सरकार को अपना काम करने दें।”

उपराज्यपाल ने आरोपों पर रखी अपनी बात

दिल्ली सरकार के आरोपों के जवाब में उपराज्यपाल ने कहा, “फिनलैंड में प्राथमिक प्रभारियों के प्रशिक्षण के लिए कार्यक्रम के प्रस्तावों को खारिज नहीं किया गया है अपितु इस संदर्भ में आप पार्टी द्वारा दिया जा रहा कोई भी बयान जानबूझकर भ्रामक है और शरारत से प्रेरित है। सरकार को सलाह दी गई है कि प्रस्ताव का सही से मूल्यांकन करें और छात्रों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव के संदर्भ में कॉस्ट बेनिफिट विश्लेषण रिकॉर्ड करें, जिससे अतीत में शिक्षकों के लिए किए गए विभिन्न विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रभावों का आकलन किया जा सके।”

इसके अतिरिक्त एलजी ने देश के भीतर उत्कृष्ट संस्थानों में समान प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जांच और पहचान करने की भी सलाह दी है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग, वित्तीय विवेक और प्रशासनिक प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।

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