बिहारःआरजेडी और कांग्रेस का टूटा महागठबंधन,देखें रिपोर्ट
न्यूज जंगल डेस्क,कानपुरः चुनावी पैतरा कहिए या हकीकत। उपचुनाव ने महागठबंधन के दो बड़े दलों राजद और कांग्रेस को सियासी दुश्मन बना दिया है। तल्खी इतनी बढ़ गई है कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास ने शुक्रवार को ऐलान कर दिया कि भविष्य में भी अब राजद के साथ गठबंधन नहीं रहेगा। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की राह राजद से अलग होगी। भक्त चरण दास ने पटना पहुंचने पर कहा कि आरजेडी से कांग्रेस को कोई गठबंधन नहीं है। बता दें कि भले हीं इस टूट की आशंका पहले से थी, लेकिन कयास यह भी लगाया जा रहा था कि हाइ लेवल पर मामला सुलझ जाएगा। ऐसे में यह आलाकमान सोनिया गांधी का आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका माना जा रहा है।
बिहार विधानसभा उपचुनाव ही नहीं, आने वाले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस बिहार की सभी 40 सीटों पर अपने दम पर मैदान में कूदेगी। भक्तचरण दास ने यह भी जोड़ा कि बिहार में हम अब अपनी ताकत पर खड़ा होंगे और राजद से जमकर लड़ेंगे। हालांकि कांग्रेस के इस बयान को उपचुनाव में राजद पर बढ़त बनाने का प्रयास माना जा रहा है। वोट बचाने, काटने और बटोरने की रणनीति मानी जा रही है। इसीलिए दोनों तरफ से तल्ख बयान आने लगे हैं। एक-दूसरे पर हमले में कोई कसर नहीं है, ताकि वोटरों को बताया और समझाया जा सके कि दोनों के रास्ते अब अलग हैं।
उपचुनाव की घोषणा से लेकर नामांकन वापसी की आखिरी तिथि से पहले तक माना जा रहा था कि दोनों दलों के बीच दोस्ताना संघर्ष होगा। दोनों दल के नेता दूसरे से आग्रह कर रहे थे कि आपसी तालमेल के आधार पर एक-एक सीट बांट ली जाए। सत्ता पक्ष भी इसे नूरा-कुश्ती ही बता रहा था, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजद-कांग्रेस के नेताओं का फासला बढ़ने लगा। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कांग्रेस नेताओं पर आरएसएस समर्थक होने का आरोप लगाया, जिसका उन्हें जवाब भी दिया गया। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण ने पलटवार करने में देर नहीं की। उनका बयान आया कि उपचुनाव के नतीजे के बाद राजद का भाजपा के साथ गठबंधन हो जाएगा।
बता दें कि विधानसभा उपचुनाव को लेकर सारा बखेड़ा कुशेश्वरस्थान सीट को लेकर हुआ। कांग्रेस इसे अपनी परंपरागत सीट बता रही थी, लेकिन आरजेडी ने कांग्रेस की मांग को ठुकराते हुए दोनों सीटों पर दावेदारी पेश कर दी। दोनों जगहों पर उम्मीदवार भी खड़े कर दिए। इसके बाद कांग्रेस ने भी दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए। तब से ही महागठबंधन में दरार पड़ गई थी। दोनों ओर से बयानबाजी की जा रही थी। अब कांग्रेस बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने उसपर मुहर लगा दी है।
भक्त चरण दास ने इससे पहले आरजेडी पर भारतीय जनता पार्टी की मिलीभगत का आरोप लगाया था। इसके बाद आरजेडी नेताओं ने उन्हें संघी कह दिया था। शुक्रवार को पटना आने पर जब भक्त चरण से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसपर वे कुछ बयान नहीं देंगे। हां, इतना जरूर है कि बिहार में अब आरजेडी के साथ गठबंधन नहीं है। दोनों सीटों पर प्रमुखता से लड़ रहे हैं।
मालूम हो कि बिहार में कांग्रेस एवं आरजेडी का साथ करीब दशकों का है। कई बार दोनों के रास्ते अलग हुए और जुड़े। इधर जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव की भक्त चरण दास से मुलाकात के बाद कांग्रेस की ओर से दावा किया गया है कि वे कांग्रेस का प्रचार करेंगे। फायरब्रांड नेता कन्हैया कुमार भी विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के लिए बिहार आ चुके हैं। कांग्रेस को कन्हैया से बड़ी उम्मीद है।
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