इजराइल को लेकर बदले अमेरिका के सुर, बोला-गाजा पर कब्जे की न करें भूल

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक इंटरव्यू में कहा कि गाजा में इजरायल को किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं करना चाहिए. मुझे लगता है कि ये बहुत बड़ी भूल होगी

News jungal desk : इजरायल और हमास के बीच आज 10वें दिन भी युद्ध जारी है । और अब तक दोनों तरफ से हजारों लोगों की जान जा चुकी हैं और कई हजार लोग घायल हो चुके हैं । और वहीं युद्ध के शुरुआती दौर में इजरायल का साथ देने वाले अमेरिका के अब सुर बदले नजर आ रहे हैं. दरअसल, इजरायल ने गाजा पर पूर्ण रूप से हमला करने से पहले लोगों को गाजा पट्टी को खाली करने को कहा है, जिसपर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है । और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गाजा पट्टी पर इजरायल के नियंत्रण को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है ।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा तेल अवीव का दौरे करने के निमंत्रण को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन विचार कर रहे हैं । जबकि उन्होंने रविवार को गाजा पट्टी पर लंबे समय तक इजरायल के कब्जे के खिलाफ चेतावनी दी, क्योंकि व्हाइट हाउस ने क्षेत्रीय संकट बढ़ने की आशंका के साथ देश के लिए समर्थन को संतुलित करने की कोशिश की है ।

आंतरिक चर्चा से परिचित दो लोगों के अनुसार, इजरायल की यात्रा करने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है, और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि व्हाइट हाउस के पास घोषणा करने के लिए फिलहाल कोई यात्रा नहीं है. लेकिन संभावित यात्रा और गाजा में फिलिस्तीनियों और पूरे क्षेत्र में अरब नेताओं द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं की स्वीकृति नए संकेत के तौर पर देखे जा रहे हैं कि अमेरिका अब इस संकट को और अधिक बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है.

सीबीएस न्यूज के “60 मिनट्स” के साथ एक इंटरव्यू में बाइडन ने अपने विश्वास पर जोर दिया कि इजरायल युद्ध के नियमों के अनुसार कार्य करेगा और निर्दोष नागरिकों को दवा, भोजन और पानी तक पहुंच मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि उनका मानना ​​​​है कि इजरायल को लंबे समय तक क्षेत्र को नियंत्रित नहीं करना चाहिए, इसके बजाय क्षेत्र को “फिलिस्तीनी प्राधिकरण” द्वारा शासित किया जाना चाहिए. बाइडन ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक बड़ी गलती होगी.” उन्होंने कहा, “देखिए, मेरे विचार से गाजा में जो हुआ, वह हमास है और हमास के चरम तत्व सभी फिलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.”

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