दिल्ली में यमुना हुई विकराल तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड, कई घरों में घुसा बाढ़ का पानी

दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं.

News Jungal Desk:दिल्ली में मूसलाधार बारिश से आई बाढ़ के पानी से उफनती यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर 207.25 मीटर तक पहुंच गया है । और जो 1978 के अब तक के रिकॉर्ड सर्वाधिक जलस्तर 207.49 के करीब है । सरकारी एजेंसियों ने बुधवार को यह जानकारी दिया है ।, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जल स्तर 2013 के बाद पहली बार सुबह चार बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया था और बुधवार को सुबह 8 बजे तक बढ़कर यह 207.25 मीटर तक पहुंच गया है ।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बुधवार दोपहर 12 बजे तक नदी का जलस्तर बढ़कर 207.35 मीटर हो जाएगा तथा जलस्तर में आगे भी वृद्धि होगी । और दिल्ली में पिछले तीन दिनों में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. इसका जलस्तर रविवार को सुबह 11 बजे 203.14 मीटर दर्ज किया गया था, जो उम्मीद से 18 घंटे पहले ही खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया ।

यमुना का जलस्तर सोमवार की रात 206 मीटर के निशान को पार कर गया था, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा और सड़क और रेल यातायात के लिये पुराने रेलवे पुल को बंद कर दिया गया. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के मुताबिक, यमुना का मौजूदा 207.25 मीटर का जलस्तर 2013 के बाद सबसे अधिक है, जब यमुना 207.32 मीटर के स्तर पर पहुंच गई थी.

एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश से ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में जल का स्तर बढ़ने और संतृप्त मिट्टी के कारण यमुना के जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई. विभाग ने बताया कि निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने बताया कि जागरूकता, निकासी और बचाव कार्य के लिए 45 नावें तैनात की गई हैं और निकाले गए लोगों को राहत प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जा रही है.

विभाग ने कहा, ‘पुराने रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. अतिरिक्त पानी छोड़ने और लंबे समय तक उच्च जल स्तर को रोकने के लिए ओखला बैराज के सभी दरवाजे खोल दिए गए हैं.’ विभाग ने बताया कि इस काम के लिए संबंधित जिलों के सभी जिलाधिकारी और उनकी सेक्टर समितियां सतर्क हैं और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करते हुए काम कर रही हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा था कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है, लेकिन सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. दिल्ली सरकार ने पहले रविवार और बाद में मंगलवार को बाढ़ की चेतावनी और जारी की थी और अधिकारियों से सतर्क रहने और संवेदनशील इलाकों में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया था. इसके अलावा, त्वरित प्रतिक्रिया दल और नौकाएं तैनात की गई हैं.

दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं.

उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘भारी से अत्यधिक भारी’ वर्षा दर्ज की गई है. इससे नदियां, नाले उफान पर हैं और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है तथा आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े 8 बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है. राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 107 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. आईएमडी ने दिल्ली के कुछ हिस्सों में बुधवार को हल्की से मध्यम बारिश होने और अगले चार से पांच दिन में रुक-रुक कर बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है ।

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