नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन दिनों तेजी से चल रहा काम,2024 चुनाव से पहले UP को तोहफा ?

0

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन दिनों तेजी से काम चल रहा है. हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) टॉवर और एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन का काम तय समय सीमा से पहले पूरा करने की कोशिश है. इस मेगा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2024 की डेडलाइन दी गई है. लेकिन माना जा रहा है कि 2024 में चुनाव के कारण इसे पहले ही पूरा कर लिया जाएगा ।

न्यूज जंगल डेस्क :- नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) टॉवर और टर्मिनल भवन का काम तय समय सीमा से पहले पूरा कर लिया जाएगा और राज्य सरकार अगले साल दिसंबर तक इस कार्य को पूरा करने में काफी जोर दे रही है इस मेगा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2024 की समय सीमा तय करी गई है । उस साल गर्मी में भारत में आम चुनाव भी संभावित है ।

TOI के अनुसार अतिरिक्त मुख्य सचिव एसपी गोयल और यमुना प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी के साथ-साथ यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) ज्यूरिख एजी की सहायक कंपनी ने बुधवार को उस साइट का संयुक्त निरीक्षण किया गया है । यहां वर्तमान में 1,450 कर्मचारी मुख्य रूप से खुदाई के लिए लगे हुए हैं और जैसे-जैसे काम गति पकड़ेगा, यह संख्या एक महीने में 6,000 तक पहुंचने की भी संभावना है वही पिछले कुछ हफ्तों में, काम पर लगी मशीनों की संख्या 49 से बढ़कर 86 हो गई है ।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि रनवे और एटीसी टावर का काम नवंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना लग रही है । टर्मिनल बिल्डिंग का भी 15 दिसंबर तक विद्युतीकृत कर लिया जाएगा और वहीं ट्रायल जनवरी 2024 से शुरू होगा और यह सरकार की विशेष परियोजनाओं में से एक है और अरुण वीर सिंह ने बोला कि मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) हर छह महीने में सभी प्रणालियों का परीक्षण करेगा. उन्होंने कहा कि एटीसी टावर का हर महीने निरीक्षण करा जाएगा ।

बुधवार को गोयल ने टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा स्थापित कास्टिंग साइटों और अन्य वर्कशॉप का दौरा भी किया जो हवाई अड्डे का निर्माण कर रही है और उन्होंने स्टील और निर्माण सामग्री के गोदामों का भी दौरा किया है यहां दो कास्टिंग साइट हैं और उनमें से एक उस प्लॉट के पास है जहां टर्मिनल बिल्डिंग बन रही है और वर्कर की बढ़ती संख्या को समायोजित करने के लिए परियोजना स्थल पर 6,000 बिस्तरों वाला एक हॉस्टल भी स्थापित करा गया है । प्रत्येक कमरे में 12 व्यक्तियों को समायोजित करने के लिए बिस्तर लगाए गए हैं और इसमें अलग-अलग खंड हैं जिनमें किचन, मेडिकल फैसिलिटी और बाथरूम भी है ।

यह भी पढ़ें :- आसाराम का छलका दर्द रेप केस में SC से नहीं मिली राहत कोर्ट ने कहा जनवरी में करेंगे सुनवाई

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *