कम समय में ज्यादा उत्पादन के लिए इस्तेमाल करे आलू कि यह किस्म, उत्तर भारत में 80 % तक बोई जाती है यह किस्म

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देखा जाए तो आलू का उपयोग पूरे साल किया जाता है, इससे कई तरह के लजीज पकवान भी बनते हैं। वहीं अलग-अलग सब्जियों के साथ भी इसे उपयोग किया जाता है। आलू, रबी सीजन की फसल मानी जाती है। यह नकदी फसल है। बाजार में इसकी मांग….

Business Desk: देखा जाए तो आलू का उपयोग पूरे साल किया जाता है, इससे कई तरह के लजीज पकवान भी बनते हैं। वहीं अलग-अलग सब्जियों के साथ भी इसे उपयोग किया जाता है। आलू, रबी सीजन की फसल मानी जाती है। यह नकदी फसल है। बाजार में इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है, लेकिन इसका उत्पादन सिर्फ सर्दियों में किया जाता है। यही कारण है कि किसान आलू की ऐसी किस्मों को ढूंढ़ते हैं जो एक सीजन में ही बेहतरीन उत्पादन दें।

आलू सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में इस्तेमाल किया जाता है। खासकर की भारत के आलू अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग पूरा करता है। वही हम आपको आलू की एक ऐसी किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं जो कम समय मे अच्छा उत्पादन देता है। ज्यादा उत्पादन के लिए आलू की कुफरी पुखराज किस्म को बोने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आज हम आपको इसके फायदे व अन्य जानकारी के बारे में बताएँगे।

क्यों लोकप्रिय है आलू की कुफरी पुखराज किस्म
बता दे कि किसानों को आलू का उत्पादन बढ़ाने के लिए आलू के कुफरी पुखराज किस्म को बोने की सलाह दी जाती है। यह किसानों के लिए बहुत लाभकारी है। यह किस्म उत्तर भारत में बेहद मशहूर है, आलू की यह किस्म कम समय में ज्यादा उतपादन देती है। वही ICAR का दावा है कि इस फसल में कीट या कोई रोग लगने की संभावना बहुत कम होती है।

देश में ज्यादातर किसान कुफरी पुखराज किस्म की आलू से ही व्यवसायिक खेती करते हैं। इस किस्म को उगाने से लेकर भंडारण और निर्यात काफी आसान है। वही विशेषज्ञों कि माने तो इस फसल में पाला और झुलसने जैसी मौसमी घटनाओं का कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। इसकी सबसे खास बात ये है कि यह आलू बुआई के 100 दिनों के अंदर ही तैयार हो जाती है। वही ICAR की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021-22 में कुफरी पुखराज किस्म से सालाना 4,729 करोड़ के आर्थिक लाभ का अनुमान है।

उत्तर भारत में 80 फीसदी तक बोई जाती है यह किस्म
आपको बता दे कि सर्द तापमान वाले हर इलाके में कुफरी पुखराज किस्म के आलू की खेती की जा सकती है। ICAR के एक्सपर्ट्स के अनुसार उत्तर भारत में आलू उत्पादन पर कुफरी पुखराज किस्म की 80 फीसदी दावेदारी है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब, हरियाणा, झारखंड, गुजरात, असम, बिहार, छतीशगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर की जाती है।

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